केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं. शनिवार को अमित शाह के घाटी आने से वहां का राजनीतिक माहौल गरमा गया. गृह मंत्री ने पहले जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों के साथ बैठकें की उसके बाद कई विकास योजनाओं का शिलान्यास किया. माना जा रहा है कि गृहमंत्री के जम्मू-कश्मीर दौरे से घाटी में आतंकियों का मनोबल टूटेगा और आतंकी घटनाओं पर अंकुश लगेगा. लेकिन राज्य की पूर्व सीएम और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को इस दौरे से कोई उम्मीद नहीं है. उनकी नजरों में सिर्फ सबकुछ सामान्य दिखाने का नाटक चल रहा है, लेकिन वास्तविकता इससे काफी अलग है.
मुफ्ती का अमित शाह पर तंज महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि शाह के दौरे से पहले 700 सिविलियन को डिटेन किया गया. कई अपराधियों को कश्मीर की बाहर की जेलों में शिफ्ट किया गया. ऐसे कदम तनाव को और ज्यादा बढ़ाने का काम करते हैं. सबकुछ सामान्य दिखाने की कोशिश लगातार हो रही है, लेकिन असल सच्चाई को सभी दबाना चाहते हैं.
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370 हटने के बाद से परेशानियां: मुफ्ती वहीं जिन विकास कार्यों को अमित शाह ने हरी झंडी दिखाई है, उस पर भी महबूबा ने तंज कसा है. उनकी नजरों में आधे से ज्यादा प्रोजेक्ट वो हैं जिनका काम यूपीए कार्यकाल के दौरान ही शुरू हो चुका था. वे कहती हैं कि गृहमंत्री श्रीनगर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का उद्घाटन करते हैं, नए मेडिकल कॉलेज की नींव भी रखते हैं. लेकिन सच्चाई ये है कि आधे से ज्यादा मेडिकल कॉलेज को लेकर सेंशन कांग्रेस सरकार के दौरान हो गया था. 370 हटने के बाद से तो सिर्फ परेशानियां बढ़ी हैं, जम्मू-कश्मीर को अराजकता की ओर ढकेल दिया गया है.
इस सब के अलावा मुफ्ती की तरफ से अमित शाह को कुछ सुझाव भी दिए गए हैं. उनके मुताबिक अगर समय रहते कुछ कैदियों को जेल से रिहा किया जाता, अगर लोगों के उत्पीड़न को खत्म किया जाता, अगर अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने का काम सटीक अंदाज में होता, तो लोगों को सही मायने में राहत मिलती, घाटी का सही में विकास होता.
HIGHLIGHTS
- महबूबा मुफ्ती ने कहा कि शाह के दौरे से पहले 700 सिविलियन को डिटेन किया गया
- कई अपराधियों को कश्मीर की बाहर की जेलों में शिफ्ट किया गया
- धारा-370 हटने के बाद से तो सिर्फ परेशानियां बढ़ी हैं