जम्मू के हीरानगर सेक्टर से जुड़े इलाके में एक मंदिर के बाहर आंतकवादियों ने ग्रेनेड ब्लास्ट कर दिया है. सूचना पर आनन-फानन में पुलिस की एसओजी और सीआरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची और इलाके की घेराबंदी कर दी है. पुलिस को शक है कि ग्रनेड से ब्लास्ट किया गया है. दो दिन पहले पूंछ से पकड़े गए आतंकियों को पाकिस्तान हैंडलर ने मंदिरों पर ग्रनेड हमला करने के निर्देश दिए थे. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.
मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए : पुलिस, परिवारों का दावा, आतंकवाद से नहीं जुड़े थे पीड़ित
पुलिस ने बुधवार को दावा किया कि श्रीनगर के परिम्पोरा इलाके में बीती रात शुरू हुई मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए हैं, लेकिन मारे गए युवकों के परिवारों का कहना है कि उन लोगों का आतंकवाद से कोई संबंध नहीं था और उनमें से दो छात्र थे. दक्षिण कश्मीर के पुलवामा और शोपियां जिलों के परिवारों ने पुलिस नियंत्रण कक्ष के बाहर धरना दिया. उन्होंने दावा किया कि मारे गए युवकों में से एक कक्षा 11 का छात्र था, दूसरा एक विश्वविद्यालय का छात्र था और तीसरा बढ़ई का काम करता था.
Upon search, one AK 47 rifle, two pistols, ammunition & other incriminating material along with some documents were recovered from the possession of three terrorists killed in Srinagar. Two of the terrorists are residents of Pulwama & one is from Shopian: Jammu and Kashmir Police https://t.co/pYLuw7dqZ5
— ANI (@ANI) December 30, 2020
पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि एक आतंकवादी बुधवार को तड़के मारा गया जबकि दो अन्य कुछ घंटे बाद मारे गए. उन्होंने कहा कि शहर के परिम्पोरा इलाके में बीती रात शुरू हुई मुठभेड़ में तीन अज्ञात आतंकवादी मारे गए. आतंकवादियों ने मंगलवार शाम को तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाई थीं. पुलिस ने मारे गए युवकों की पहचान या उम्र के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन प्रदर्शनकारी परिवारों ने दावा किया कि युवक उनके परिजन थे और उनका आतंकवाद से कोई संबंध नहीं था.
परिवारों ने कहा कि मारे गए युवकों में अतहर मुश्ताक और ऐजाज मकबूल दोनों छात्र थे वहीं जुबैर अहमद बढ़ई का काम करता था. परिवारों ने तीनों लोगों की उम्र के बारे में नहीं बताया. मकबूल की बहन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा भाई कल (मंगलवार) पूर्वाह्न 11 बजे विश्वविद्यालय गया था क्योंकि उसे वहां कुछ फॉर्म भरना था। उसने मुझे यह बताने के लिए दोपहर बाद 3.01 बजे फोन किया कि उसे विश्वविद्यालय में ठहरना पड़ सकता है. आज, हमारे पास फोन आया कि वह मारा गया. वह आतंकवादी नहीं था.
मकबूल गांदरबल जिले में तैनात एक पुलिसकर्मी का बेटा था. मुश्ताक के एक रिश्तेदार ने भी ऐसा ही दावा किया और कहा कि वह 11 वीं कक्षा का छात्र था. पुलिस अधिकारियों ने परिवारों द्वारा किए गए दावों के बारे में पूछे गए सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि, सेना के एक अधिकारी ने कहा कि मारे गए युवक "कट्टर आतंकवादी" थे, जिन्होंने मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के खिलाफ भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथगोलों का इस्तेमाल किया.
अधिकारी ने कहा कि हमने युवाओं से आत्मसमर्पण करने के लिए बार बार अपील कीं. उनमें से एक इमारत से जाने वाला था लेकिन उसके सहयोगियों ने गोलीबारी की और सुरक्षा बलों पर हथगोले फेंके और कल उसे वापस खींच लिया. सुबह, हमने फिर उनसे आत्मसमर्पण करने की अपील की लेकिन हमें महसूस हुआ कि वे आत्मसमर्पण नहीं करने वाले हैं. सैन्य अधिकारी ने कहा कि उन लोगों ने जितनी मात्रा में गोला-बारूद का उपयोग किया, उससे स्पष्ट होता है कि वे क्षेत्र में एक बड़े आतंकी हमले की फिराक में थे.
Source : News Nation Bureau