Jammu Kashmir : जम्मू कश्मीर सरकार के एक कदम ने सालों से आतंक की बेड़ियों में जकड़े युवाओं को मुक्ति दिला दी है. आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में युवाओं को मुख्यधारा से जुड़ने के लिए सरकार ने 'Mission Youth' की शुरुआत की थी, जिसके शुरू होने के सिर्फ 2 साल के बाद इसे पीएम मोदी द्वारा देश के सर्वोच्च प्रशासनिक अवार्ड से समानित किया गया है. इस अवार्ड को हासिल करने के लिए देश भर से करीब 600 एंट्रीज सरकार तक पहुंची थी, लेकिन जम्मू कश्मीर के युवाओं को नई रोशनी दिखाने वाले इस कार्यक्रम की सफलता ने इसे ये अवार्ड हासिल करने में कामयाबी दिला दी.
Mission Youth की शुरुआत आतंकवाद ग्रस्त जम्मू कश्मीर के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए की गई थी, ताकि भटके हुए युवाओं की महत्वकांक्षाओं को पूरा किया जा सके, जो अपने और अपने परिवार के साथ मिलकर एक सम्मानजनक जिंदगी जी सके. 2 साल पहले शुरू हुए इस मिशन से अब तक 61 हजार से ज्यादा युवा इसका फायदा उठा चुके हैं, जबकि करीब 5.50 लाख से ज्यादा युवा इस कार्यक्रम के तहत शुरू की गई मुमकिन, सहायता, परवेज और महिलाओं के लिए तेजवानी जैसे एक दर्जन से ज्यादा योजनाओं से जुड़ चुके हैं. इस कार्यक्रम के तहत युवाओं को स्किल, शिक्षा, बिजनेस और कोचिंग जैसी कई योजनाओं के साथ जोड़ा गया है, जिसका फायदा उठाकर आज जम्मू कश्मीर का युवा एक आतंकमुक्त एक बेहतर जिंदगी जी रहा है.
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जम्मू कश्मीर से धारा 370 जाने से पहले यहां का युवा लगातार पत्थरबाजी और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल रहता था. कई युवा आतंक का रास्ता भी इख्तियार कर लेते थे, लेकिन धारा 370 जाने के बाद सरकार द्वारा शुरू किए गए Mission Youth कार्यक्रम आने से पथरबाजी और प्रदर्शन जम्मू कश्मीर में पूरी तरह से समाप्त हो चुके हैं. इसके साथ ही आतंकी संगठनों में जाने वाले युवाओं का नंबर भी जीरो हो चुका है. यही कारण है कि Mission Youth जम्मू कश्मीर में एक कामयाब कार्यक्रम साबित हुआ है. Mission Youth कार्यक्रम को कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन ऑफ इंडिया द्वारा चुना गया है, जो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिल कर Mission Youth पर आधारित विषय को टॉप मैनेजमेंट और पब्लिक पॉलिसी स्कूल के कोर्सेज में शामिल करने जा रहा है.