कश्मीर घाटी में निजी मोबाइल फोन सेवा प्रदाताओं ने अपनी सेवाएं शुरू कर दी, लेकिन मोबाइल इंटरनेट सेवाएं शनिवार को भी बंद रहीं. प्रतिबंधित संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के स्वघोषित स्थानीय प्रमुख रियाज नायकू (Riyaz Naikoo) के इस हफ्ते मारे जाने के बाद एहतियात के तौर पर ये सेवाएं बंद कर दी गई थी. कोविड-19 (Covid-19) वैश्विक महामारी के कारण मार्च के तीसरे हफ्ते से घाटी में लॉकडाउन लागू है और दक्षिण कश्मीर में पुलवामा के कुछ गांवों में चंद स्थानीय प्रदर्शनों को छोड़ यहां स्थिति मौटे तौर पर शांतिपूर्ण बनी हुई है.
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सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में बुधवार को नायकू के मारे जाने के बाद स्थिति में सुधार देखते हुए अधिकारियों ने निजी दूरसंचार कंपनियों को शुक्रवार रात से अपनी सेवाएं फिर से शुरू करने की अनुमति दी, लेकिन उनसे इंटरनेट सेवाएं बंद रखने के लिए कहा. नायकू की मौत के बाद से घाटी में पाबंदियां लागू हैं और किसी उपद्रव या पथराव को रोकने के लिए संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई. अधिकारियों ने कहा कि अगले नोटिस तक सभी दूरसंचार कंपनियों की एसएमएस सेवाओं पर रोक रहेगी.
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के अवंतीपोरा में बुधवार को बेगपोरा में मुठभेड़ के दौरान आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नाइकू (Riyaz Naikoo) को मार गिराया था. सुरक्षबलों को लंबे समय से आतंकी रियाज नाइकू की तलाश थी. उसके सिर पर 12 लाख रुपये का इनाम था. सुरक्षा बलों के जवानों ने कई कई बार उसे घेरा, लेकिन हर बार वह बचकर भाग निकल गया. इस बार नाइकू किसी काम से अपने गांव आया था, जहां सुरक्षाबलों ने उसे मार गिराया.
जानकारी के अनुसार, पहले ही सुरक्षाबलों को सूचना मिल गई थी कि हिज्बुल कमांडर रियाज नाइकू अपने परिवार से मिलने बेगपोरा आ रहा है. उसका बेगपोरा गांव है. वह अपने गांव आया था. इसकी जानकारी मिलते ही सुरक्षबल के जवानों ने पूरे गांव को चारों ओर से घेर लिया. जिस घर में आतंकी रियाज नाइकू छिपा था, वहां पर 2-3 अन्य आतंकवादी भी छिपे हुए थे. जिन्हें सुरक्षाबलों ने अब मौत के घाट उतार दिया है.
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भारतीय सेना की 55 आरआर और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाया है. बुधवार को सुरक्षाबलों ने एक घर को उड़ा दिया, जिसमें आतंकवादी नाइकू छुपा हुआ था. हालांकि, बाद में सेना की ओर से यह पुष्टि की गई कि मरने वाला आतंकवादी रियाज नाइकू ही था. आतंकी नाइकू पर 12 लाख रुपये का इनाम रखा गया था. वह लगभग 8 साल से पुलिस के चंगुल से फरार चल रहा था. जम्मू-कश्मीर में रियाज नाइकू आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर था.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकवादी रियाज नाइकू हिज्बुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन का काफी करीबी थी. यूएस ने सैयद सलाहुद्दीन को 2017 में वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था. 2016 में कश्मीर में आतंकी बुरहान वानी के एन्काउंटर के बाद रियाज नाइकू ने कमांडर की कमान संभाली. 2017 में आतंकवादी जाकिर मूसा ने हिज्बुल से अलग होकर अपना खुद का आतंकी संगठन अंसार गजवतुल हिंद बनाया था. इसके बाद से नाइकू ने हिज्बुल को कश्मीर में संभाला था. 2019 में जाकिर मूसा मारा गया था. कश्मीर में रियाज नाइकू सबसे ज्यादा समय तक सक्रिय रहने वाला आतंकवादी था. वह हिज्बुल मुजाहिदीन के लिए वर्क करता था.