पूर्व डीएसपी दविंदर सिंह मामले में एनआईए ने कश्मीर में मारे छापे

नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के कुछ अधिकारी मीर उर्फ एडवोकेट के साथ लगातार संपर्क में थे, जिसे राष्ट्र-विरोधी कार्यों के लिए धन मुहैया कराया गया था.

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Shailendra Kumar
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Davinder Singh

दविंदर सिंह( Photo Credit : फाइल फोटो)

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जम्मू और कश्मीर के निलंबित पुलिस उप-अधीक्षक (डीएसपी) दविंदर सिंह और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी नवीद बाबू मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में कई स्थानों पर छापे मारे. एक एनआईए अधिकारी ने बताया, एनआईए हिजबुल कमांडर नावेद बाबू-दविंदर सिंह डीएसपी मामले में बारामूला के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी कर रही है. यह भी पता चला है कि एजेंसी की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर वाजा मोहल्ला के रायपोरा फलहलां में रसूल वाजा के घर पर भी छापेमारी की है. वाजा, राज्य स्वास्थ्य विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं.

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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, वाजा का एक बेटा फारूक अहमद भी स्वास्थ्य विभाग में सरकारी कर्मचारी हैं. वहीं दूसरे बेटे मुश्ताक अहमद वाजा ने 1993 में अवैध हथियारों/गोला-बारूद का प्रशिक्षण लेने के लिए एलओसी पार की थी, तब से आज तक वह वापस नहीं लौटा है. एनआईए के ये छापे एक विशेष एनआईए अदालत में निलंबित डीएसपी समेत 6 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने के लगभग तीन महीने बाद मारे गए हैं. आरोप पत्र में निलंबित डीएसपी के अलावा नावेद मुश्ताक उर्फ नावेद बाबू, इरफान शफी मीर, रफी राथर, तनवीर अहमद वानी और सैयद इरफान का नाम है.

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निलंबित पुलिस अधिकारी जम्मू संभाग के हीरानगर में कठुआ जेल में बंद है. वहीं 2 एचएम आतंकवादियों नावेद बाबू और रफी अहमद राथर और इरफान शफी मीर को भी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. पहले इस मामले की जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस कर रही थी, लेकिन सिंह की गिरफ्तारी के बाद मामले को एनआईए को सौंपा गया. इस मामले में एनआईए द्वारा की गई जांच में पता चला है कि हिजबुल का पाकिस्तान स्थित नेतृत्व जिसमें सैयद सलाहुद्दीन, अमीर खान, खुर्शीद आलम, नजर महमूद समेत कई और लोग, पाकिस्तान के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठन के कैडर और कमांडरों को समर्थन दे रहे हैं.

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एनआईए ने यह भी दावा किया था कि नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के कुछ अधिकारी मीर उर्फ एडवोकेट के साथ लगातार संपर्क में थे, जिसे राष्ट्र-विरोधी कार्यों के लिए धन मुहैया कराया गया था. बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तैनात रहे निलंबित डीएसपी को 19 जून को दिल्ली की एक अदालत ने एक आतंकी मामले में जमानत दे दी थी, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर करने में असमर्थता जताई थी, लेकिन एनआईए के मामले के चलते वह अब भी जेल में हैं.

Source : IANS/News Nation Bureau

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