लॉकडाउन के बीच कश्मीर के छात्रों ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी है. हालांकि, इंटरनेट की गति धीमी होने के चलते छात्रों और शिक्षकों को कक्षाएं आयोजित करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. कश्मीर में पिछले कुछ महीनों से स्कूली शिक्षा काफी प्रभावित हुई है. पहले तो केंद्र सरकार की ओर से धारा 370 हटाने के कारण पिछले साल करीब छह महीने स्कूल नहीं खुल सके और फिर मार्च में कुछ ही दिन स्कूल खुले तो कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन होने से फिर स्कूल बंद हो गए. हालांकि, शैक्षणिक सत्र बर्बाद होने से बचाने के तहत घाटी के स्कूलों ने ऑनालाइन क्लास चलाने के साथ ही छात्रों को शिक्षित करने के मद्देनजर कई कदम उठाए हैं.
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सरकारी और निजी स्कूलों के शिक्षक वाट्सऐप, जूम और गूगल क्लासरूम जैसे विभिन्न मंच के जरिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित कर रहे हैं. मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के सरकारी स्कूल के शिक्षक इरफान अहमद रोजाना वाट्सऐप और जूम के जरिए छात्रों को पढ़ाते हैं. अहमद ने कहा कि स्कूली कक्षाओं को ऑनलाइन में तब्दील करने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. मैं अपने छात्रों को पढ़ाने के लिए रोजाना इन एप्लिकेशन का उपयोग करने के साथ ही उनके सवालों के जवाब देने की कोशिश करता हूं. गांदरबल के एक निजी स्कूल के सातवीं कक्षा के छात्र तौकीर जावेद ने कहा कि हम रोजाना 11 बजे कक्षा शुरू करते हैं. मेरे कुछ ही सहपाठी, जिनके पास स्मार्टफोन है, कक्षा में शामिल हो पाते हैं और हमारे शिक्षक ऑनलाइन आकर पढ़ाते हैं.
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तौकीर ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान स्कूल में कक्षा में बैठकर पढ़ने जैसा अहसास तो नहीं आता लेकिन पढ़ाई जारी रखना भी बेहद जरूरी है. इस बीच, कुछ परिजनों को शिकायत है कि स्कूल की ओर से ऑनलाइन कक्षा के दौरान बहुत सारा काम दे दिया जाता है, जिससे बच्चों पर दबाव बढ़ जाता है. इसी तरह, कुछ छात्रों और परिजनों को इंटरनेट की धीमी गति को लेकर भी शिकायत है. छात्रा इरतिका ने कहा कि टूजी की इंटरनेट गति बेहद धीमी है और ऐसे में ऑनलाइन कक्षा में शामिल होने में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. कभी-कभी हम लोग शिक्षक को साफ से देख भी नहीं पाते और आवाज सुनने में भी परेशानी आती है.
Source : Bhasha