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बॉर्डर पार आतंकवादी घुसपैठ में कर रहा पाकिस्तान की एप्स का इस्तेमाल

सुरक्षा एजेंसियों के पास यह जानकारी हाल ही में अलग-अलग जगह से पकड़े गए हो ओजीडब्ल्यू के जरिए सामने आई है. इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इन एप्स पर नकेल कसना शुरू कर दिया है.

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Deepak Pandey
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बॉर्डर पार आतंकवादी घुसपैठ में कर रहा पाकिस्तान की एप्स का इस्तेमाल( Photo Credit : फाइल फोटो)

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बॉर्डर पर बैठे आतंकवादी संगठन लगतार आतंकी घुसपैठ के लिए एलओसी और साथ ही इंटरनेशनल बॉर्डर दोनों जगह नए रास्ते तलाश रहे हैं. इस बीच सुरक्षा एजेंसियों के हवाले से यह खबर सामने आ रही है कि आतंकी अब घुसपैठ के लिए मोबाइल एप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. दरअसल पाकिस्तान में बैठी हुई पाकिस्तानी आईएसआई और आतंकी संगठन अब जिन आतंकवादियों की घुसपैठ करा रहे हैं उनको पहले से मोबाइल में यह एप्स इनस्टॉल करके दिए जा रहे हैं. इन एप्स में पहले से रास्तों की जानकारी के अलावा नेविगेशन सिस्टम भी मौजूद रहता है. जिनके जरिए आतंकियों को यह जानकारी दी जाती है कि वह LoC और इंटरनेशनल बॉर्डर की किन जगहों से घुसपैठ कर सकते हैं. जहां पर सेना की मौजूदगी थोड़ी कम है. इसके साथ ही साथ नेविगेशन सिस्टम के जरिए इन आतंकियों का एक जगह से दूसरी जगह जाना भी काफी आसान हो जाता है.

सुरक्षा एजेंसियों के पास यह जानकारी हाल ही में अलग-अलग जगह से पकड़े गए हो ओजीडब्ल्यू के जरिए सामने आई है. इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इन एप्स पर नकेल कसना शुरू कर दिया है. जरूर सुरक्षा एजेंसियों के लिए इन एप्स पर पूरी तरह से अंकुश लगाना आसान नहीं है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के पास अब यह जानकारी पहुंच चुकी है कि कैसे आतंकी अब घुसपैठ के रास्ते तलाशने के लिए इन एप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन एप्स का इस्तेमाल ना केवल आतंकी घुसपैठ के लिए किया जाता है. साथ ही इन ऐप के जरिए आतंकी और ओजीडब्ल्यू एक दूसरे के संपर्क में रहते हैं.

आतंकियों को कौन सी चीज कहां मिलेगी और कौन से ओजीडब्ल्यू किस तरीके से इन आतंकी को रसद और हथियार मुहैया करवाएगा इन सब की जानकारी इन्हीं ऐप के जरिए दी जा रही है. साथ ही आतंकवादी गतिविधियों के दौरान सुरक्षा बलों से बचकर किस तरह से एक रूट से दूसरे रूट पर जाना है वो भी इन एप्स के जरिए आतंकियों को बताया जा रहा है. बर्फबारी से पहले आतंकी घुसपैठ करवाने के लिए बड़े पैमाने पर इन एप्स का इस्तेमाल हो रहा है.

जानकारों के मुताबिक, बर्फबारी के दौरान इन एप्स का इस्तेमाल करना आसान नहीं होता है. ऐसे में बर्फबारी से पहले घुसपैठ की लगातार कोशिशें हो रही हैं और इन कोशिशों में इन एप्स का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस तरह की खबरें हैं कि पुंछ के नरखास के जंगलों में आतंकियों के खिलाफ सेना के चल रहे ऑपरेशन में आतंकी इन्हीं एप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन्हीं एप्स के जरिए आतंकी सेना को चकमा देने में कामयाब हो रहे हैं.

घने जंगल में यह एप्स इन आतंकियों को रास्ता दिखाने में मदद कर रही हैं. जिसकी मदद से लगातार यह आतंकी एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं. फिलहाल, राजौरी और पुंछ के इलाकों में सेना का सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है. सेना लगातार इन आतंकियों ठिकानों को ढूंढने में लगी है. इस मामले में सेना अब तक 3 दर्जन के आसपास ओजीडब्ल्यूएच को गिरफ्तार भी कर चुकी है और सेना का अगला निशाना जंगलों में छुपे आतंकवादियों को मार गिराना है.

Source : Shahnwaz Khan

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