जम्मू-कश्मीर में अब कोई डर का माहौल नहीं है. यहां पर सब शांति-शांति है. जम्मू-कश्मीर के खिलाफ अशांति की साजिश रची जा रही थी. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गृह विभाग को जो एडवाइजरी जारी की थी. उसे तत्काल प्रभाव से खत्म करने को कहा है. एडवाइजरी में कहा गया था कि घाटी से सभी पर्यटक चले जाए. घाटी को तुरंत खाली कर दे. राज्यपाल ने इस एडवाइजरी को हटा देने को कहा है. इसका प्रभाव 10 अक्टूबर तक रहेगा. इसके बाद कोई भी कश्मीर आ सकता है और जा सकता है. किसी को अब कोई प्रतिबंध नहीं है.
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Government of Jammu and Kashmir: Governor Satya Pal Malik has directed that the Home Department’s advisory asking tourists to leave the valley be lifted immediately. This will be done with effect from 10.10.2019. pic.twitter.com/eyyI9o6TdS
— ANI (@ANI) October 7, 2019
जम्मू-कश्मीर में लगातार दो महीने के कर्फ्यू के बाद पर्यटकों को खुली छूट मिली है. पर्यटक अब बिना किसी रोक-टोक के साथ कश्मीर जा सकते हैं. 10 अक्टूबर के बाद पर्यटकों के लिए काफी सहज होगा. राज्यपाल ने घाटी और पर्यटकों के लिए खुशखबरी दी है. राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने सलाहकारों और मुख्य सचिव के साथ आज एक स्थिति सह सुरक्षा समीक्षा बैठक की. बैठक में योजना और आवास और शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव भी मौजूद रहे.
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राज्यपाल ने ब्लॉक विकास परिषदों (BDC) चुनावों के बारे में जानकारी दी. उन्हें सूचित किया गया कि बीडीसी चुनावों में सक्रिय रूप से रुचि रख रहे हैं. बीडीसी के अध्यक्षों की अधिकांश सीटें भरी जाएंगी. राज्यपाल को सेब खरीद में प्रगति के बारे में भी बताया गया था, जो 850 टन और 3.25 करोड़ रुपये से अधिक है. सेब की दरों में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं जिनकी घोषणा जल्द ही की जाएगी. वहीं पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के खिलाफ जहर उगल रहा है. साथ ही नापाक हरकत से भी बाज नहीं आ रहा है.
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भारत से जम्मू एवं कश्मीर को हथियाने का इरादा रखने वाले पाकिस्तान के तथाकथित स्वतंत्रता समर्थक समूह से जुड़े सैकड़ों कश्मीरी नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर एक मार्च निकालने की तैयारी में हैं. इन लोगों द्वारा यह रैली फ्रीडम मार्च के तौर पर निकाली जाएगी, जोकि जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाने पर अपना विरोध जताएगी. भारत की ओर से जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. भारत के इस कदम को गलत ठहराने व जम्मू-कश्मीर के लोगों की सहानुभूति हासिल करने के लिए पड़ोसी देश आए दिन कोई न कोई हथकंडे अपना रहा है. इसी दिशा में अब इस रैली की तैयारी की जा रही है.