भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले डेढ़ सालों से सीज फायर चल रहा है, लेकिन इसका ये बिलकुल भी मतलब नहीं है कि पाकिस्तान की तरफ से भारत के खिलाफ साजिश नहीं रची जा रही है. पाकिस्तान के FATF से बाहर निकलने के बाद बॉर्डर पर खतरा बढ़ गया है. बर्फबारी से पहले आतंकी संगठन बड़ी घुसपैठ की फिराक में है तो बॉर्डर पार से हत्यारों और स्टिक बम की सप्लाई के लिए लगातार पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन वाली साजिश रची जा रही है. ये ही कारण है कि सेना बॉर्डर पर हाई अलर्ट मोड़ में है. बॉर्डर पर सर्विलेंस से लेकर एंटी ड्रोन सिस्टम पूरी तरह से एक्टिवेट कर दिया गया है.
पाकिस्तान से ड्रोन वाले खतरे को देखते हुए अब IB और LoC दोनों जगह एंटी ड्रोन सिस्टम लगा दिया गया है. LoC की बात करे तो सेना ने कई नई एंटी ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. इन नए एंटी ड्रोन सिस्टम में दुश्मन देश द्वारा भेजे जाने वाले किसी भी ड्रोन को जाम करने क्षमता है. ये ड्रोन सिस्टम 4 हजार मीटर के आसपास के एरिया को कवर करता है. इन सिस्टम के साथ सेना ने एंटी ड्रोन गन को भी लगाया है, जिसपर तैनात जवान पल भर में ही ड्रोन को मार गिरने की क्षमता रखता है. ये ड्रोन गन एक साथ तीन गन को मिलाकर बनाई गई है, जो एक बार में 10 गोलियां फायर करती हैं.
अगर बीते दो सालों की बात करे तो बॉर्डर पार बैठे आतंकी संगठन लश्कर और जैश लगातार ड्रोन के जरिए आतंकी हमले से लेकर हथियारों को भारतीय सीमा में भेजने की लागतार कोशिश कर रहा है. अपनी इस कोशिशों में वो कई बार कामयाब भी हुए हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में सुरक्षाबलों ने आतंकियों की बड़ी कोशिशों को नाम किया है. एजेंसियों के हवाले से आई खबर के मुताबिक पाकिस्तान की तरफ से पिछले 9 महीने में गैर कानूनी तरीके से 190 से ज्यादा बार पाकिस्तानी ड्रोन को देखा जा चुका है, जिनमें से 7 से ज्यादा ड्रोन को सुरक्षाबलों द्वारा मार भी गिराया गया है. जम्मू में भी 20 से ज्यादा बार ड्रोन की घुसपैठ हुई है, जिसके बाद हत्यारों के साथ स्टिकी बम भी बरामद हुए हैं.
वहीं, सुरक्षा एजेंसियों के हवाले से लागतार आ रही खबरों के मुताबिक, बॉर्डर पार आतंकी संगठनों के ट्रेनिंग कैंप लागतार एक्टिव हैं और बर्फबारी से पहले 200 से ज्यादा आतंकियों की घुसपैठ की फिराक में है. घुसपैठ के लिए लॉन्च पैड को बॉर्डर के नजदीक भी कई जगह पर शिफ्ट किया गया है. कई नए रुट भी आतंकी की तरफ से तलाशें जा रहे हैं, लेकिन सेना की सर्विलांस से बचना आतंकियों के लिए आसान नहीं है. बॉर्डर पर सेना इस समय अलग-अलग अत्याधुनिक उपकरणों के जरिए दिन और रात दोनों समय सरहद पर नजर रख रही है. सेना के जवान नाइट विजन कैमरों की मदद से निगरानी कर रहे हैं तो वहीं PTZ नाइट विजन कैमरा और नाइट विजन बायोनाकुलर की मदद से बॉर्डर फेंसिंग के नजदीक पड़ने वाली पाकिस्तान की सभी चोकियों पर भी नजर रखी जा रही है. सेना के जवान बॉर्डर डॉमिनेशन के लिए एंबुश के साथ नाइट पेट्रोलिंग को लागतार अंजाम दे रहे हैं, ताकि बॉर्डर पार पाकिस्तानी सेना की मदद से साजिश रच रहे आतंकियों को धूल चटाई जा सके.
Source : Shahnwaz Khan