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पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को आया महाराष्ट्र के राज्यपाल के बयान पर गुस्सा, कहा - मैं ब्रिटेन की महारानी हूं

मुफ्ती का यह गुस्सा महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव के उस बयान पर है जिसमें उन्होंने आरएसएस को एक धर्मनिरपेक्ष संगठन बताया है.

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Rajeev Mishra
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पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को आया महाराष्ट्र के राज्यपाल के बयान पर गुस्सा, कहा - मैं ब्रिटेन की महारानी हूं

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) संगठन बताये जाने पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती नाराज़ हो गई हैं. उन्होंने समचार को ट्वीट करते हुए लिखा, ''अगर आरएसएस देश का सेक्युलर संगठन है, तो मैं इंग्लैंड की महारानी हूं और इस ट्वीट को चांद से कर रही हूं.'' मुफ्ती का यह गुस्सा महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव के उस बयान पर है जिसमें उन्होंने आरएसएस को एक धर्मनिरपेक्ष संगठन बताया है.

जानकारी दे दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने एक कार्यक्रम में आरएसएस को संघ स्थान बताया था. उन्होंने कहा कि हम गर्व से ये बात कह सकते हैं कि हम यहीं (संघ स्थान) से आते हैं. उन्होंने आरएसएस को सबसे धर्मनिरपेक्ष और समावेशी संगठन बताया. महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने कहा कि आरएसएस (RSS) सबसे धर्मनिरपेक्ष और समावेशी संगठनों में से एक है क्योंकि इसने हर व्यक्ति के मत और धर्म के पालन के अधिकार का हमेशा सम्मान किया है. नागपुर के पास रामटेक में कविकुलगुरू कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय (केकेएसवी) में आरएसएस के दिवंगत सरसंघचालक गोलवलकर गुरुजी के नाम पर नये अकादमिक परिसर और गुरुकुलम के शुभारंभ के दौरान राज्यपाल ने कहा कि संघ की यात्रा शानदार और कठिन रही है.

राव ने कहा, ‘‘(आरएसएस की) यात्रा शानदार और कठिन रही है. संघ के सामने सबसे बड़ी चुनौती महात्मा गांधी की हत्या के बाद पैदा हुई थी, जब चार फरवरी 1948 को इस पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था.'' राव ने कहा कि गोलवलकर ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की और जेल से ही राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह का आह्वान किया.

महाराष्ट्र के राज्यपाल ने कहा, ‘‘गुरुजी ने सरकार को आरएसएस के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने की चुनौती दी या प्रतिबंध हटाने का अनुरोध किया. आखिरकार, गोलवलकर के निरंतर प्रयासों के कारण 12 जुलाई 1949 को पाबंदी खत्म हुई. 'राव ने कहा, ‘‘संघ (RSS) के प्रतिद्वंद्वी जो कहते हैं, उसके विपरीत आरएसएस सर्वाधिक धर्मनिरपेक्ष और समावेशी संगठनों में से एक है. आरएसएस ने हर व्यक्ति के मत और धर्म के पालन के अधिकार का हमेशा सम्मान किया है.''

राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने कहा कि आरएसएस सुबह की अपनी प्रार्थना में देश के विभिन्न भागों के संतों, समाज सुधारकों और देशभक्तों को याद करता है, यह संघ के ‘समावेशी' दृष्टिकोण को दिखाता है. राव ने कहा कि ‘विश्व गुरू' का अपना वैभव फिर से पाने के लिए हमें ऐसी शिक्षा व्यवस्था की जरूरत है, जो भारतीय हो और जो पूछताछ, नवाचार और उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा दे.

maharashtra RSS Mehbooba Mufti PDP C Vidyasagar Rao
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