जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा अतिक्रमण हटाने को लेकर विवाद अभी थमा भी नहीं था की सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में पहली बार संपत्ति कर लागू करने को लेकर घमासान शुरू हो गया है. विपक्षी दल इसे सरकार का तुगलकी फरमान करार दे रहे है. तो भाजपा सरकार द्वारा लगाए गए इस नए टैक्स पर बोलने से बचती नजर आ रही है. जम्मू की सड़को पर हो रहा ये प्रदर्शन सरकार द्वारा मंगलवार को जारी आदेश के खिलाफ हो रहा है. जम्मू कश्मीर सरकार पहली बार प्रदेश में संपति कर लगाने जा रही है. एक अप्रैल से जम्मू कश्मीर में ये संपत्ति कर लगा दिया जायेगा.
यह शहरी सीमा में आने वाले सभी भवनों आवासीय व व्यावसायिक दोनों पर लागू होगा. जम्मू कश्मीर की 78 नगर निगम और नगर पालिकाएं इसके दायरे में आएंगी. सरकार की दलील है की इसमें लोगों को मामूली सा कर लगाया गया है और इस कर से सरकार को शहरी सुविधाएं विकसित करने में सहूलियत होगी. लेकिन सरकार की दलील से लोग और राजनीतिक दल खुश नजर नहीं आ रहे और प्रदर्शन के साथ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: Fact Check: मुद्रा योजना के तहत क्यों वायरल हो रहा अप्रूवल लेटर? जानें ये है सच्चाई
ट्विटर के जरिए सबसे पहले सरकार पर सबसे पहले तंज नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने किया है. उमर ने कहा है जब तक लोगों द्वारा चुने गए नुमाइंदे न हो तब तक इस तरह के फैसले नहीं लेने चाहिए. इसके साथ ही दूसरे राजनीतिक दल भी इस सरकार का मनमाना फैसला करार दे रहे है
वहीं भाजपा इस मामले में बोलने से बच रही है. भाजपा का कहना है कि जरूर कुछ मामलों में जम्मू कश्मीर में रिफॉर्म की जरूरत है. लेकिन इस तरह के आदेश निकलने से पहले सरकार को लोगों की भावनाओ को भी ध्यान में रखना चाहिए.
Source : News Nation Bureau