Jammu-Kashmir Assembly Election: जम्मू-कश्मीर में चुनावों की घोषणा होते ही कांग्रेस ने अपनी राजनीतिक गतिविधियों को गति दे दी है. घोषणा के 24 घंटे के भीतर ही पार्टी ने नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में तारिक हमीद कर्रा की नियुक्ति कर दी. शुक्रवार को इस फैसले के बाद, शनिवार को वरिष्ठ नेता अलका लांबा श्रीनगर पहुंचीं. वहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया और चुनावी तैयारियों का जायजा लिया.
कार्यकर्ताओं का उत्साह: नए अध्यक्ष का स्वागत
आपको बता दें कि श्रीनगर में कांग्रेस मुख्यालय में नए प्रदेश अध्यक्ष तारिक कर्रा के स्वागत में कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया. हाईकमान के इस फैसले का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया. इस अवसर पर मीडिया से बातचीत में अलका लांबा ने कहा, ''चुनावों की घोषणा से लोकतंत्र और जनता की जीत हुई है. पिछले दस वर्षों में चुनाव न होने के कारण राज्यपाल शासन में लोगों की उपेक्षा हुई. अब, जब चुनाव होने जा रहे हैं, तो हमें खुशी है कि जनता को अपनी वोट की ताकत वापस मिल रही है.'' वहीं उन्होंने यह भी बताया कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जल्द ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचेंगे. उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी पूरी ऊर्जा के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी.
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गठबंधन पर निर्णय जल्द - असमंजस बरकरार
वहीं आपको बता दें कि अलका लांबा ने चुनावी गठबंधन और सीट शेयरिंग पर चर्चा करते हुए कहा कि इसका फैसला दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद जल्द ही लिया जाएगा. हालांकि, उन्होंने इस पर कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया कि कांग्रेस पीडीपी के साथ जाएगी या नेशनल कांफ्रेंस के साथ. उन्होंने कहा कि गठबंधन के सवाल पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
कांग्रेस की सरकार का दावा
इसके अलावा आपको बता दें कि उमर अब्दुल्ला के बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव में National Conference के खिलाफ लड़ने वाली पार्टियों के साथ गठबंधन नहीं करेंगे पर प्रतिक्रिया देते हुए अलका लांबा ने कहा, ''कांग्रेस अपने फैसले खुद लेगी. हमें 40 दिनों का इंतजार है और हमें पूरा विश्वास है कि कांग्रेस बहुमत के साथ जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाएगी.''
साथ ही अलका लांबा ने यह भी कहा कि कांग्रेस की ओर से सभी रणनीतिक निर्णय, चाहे वह गठबंधन का हो या सीटों के बंटवारे का, सोच-समझकर लिया जाएगा. उनके मुताबिक, पार्टी का प्राथमिक उद्देश्य जनता की सेवा और राज्य में स्थिर सरकार स्थापित करना है.