Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले गुलाम नबी आजाद की पार्टी, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP), को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और गुलाम नबी आजाद के करीबी माने जाने वाले अब्दुल मजीद वानी ने DPAP से इस्तीफा दे दिया है. चुनाव से ठीक पहले वानी का इस्तीफा पार्टी के लिए बड़ी क्षति माना जा रहा है.
DPAP में एक और बड़े नेता का इस्तीफा
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब DPAP को अपने वरिष्ठ नेताओं के इस्तीफे का सामना करना पड़ा है. इससे पहले, DPAP के एक और सीनियर नेता और पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन ने भी पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में वापसी की थी. उन्होंने गुलाम नबी आजाद से भी कांग्रेस में लौटने की अपील की थी. ताज मोहिउद्दीन के इस कदम के बाद, पार्टी में हलचल मच गई थी और इसके राजनीतिक असर को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं.
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गुलाम नबी आजाद की कांग्रेस में वापसी की अटकलें
बता दें कि हाल के दिनों में पूर्व केंद्रीय मंत्री और DPAP के प्रमुख गुलाम नबी आजाद की कांग्रेस में वापसी की चर्चाएं भी तेज हो गई थीं. यहां तक कि उनकी पार्टी DPAP के कांग्रेस में विलय की संभावना पर भी चर्चा हो रही थी. हालांकि, 18 अगस्त को DPAP ने इस तरह की सभी खबरों का खंडन किया था. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सलमान निजामी ने कहा कि गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस में शामिल होने की खबरें पूरी तरह से निराधार हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आजाद ने कांग्रेस छोड़ने के बाद से किसी भी कांग्रेस नेता से संपर्क नहीं किया है और न ही किसी कांग्रेस नेता ने उनसे संपर्क किया है.
गुलाम नबी आजाद का राजनीतिक सफर
साथ ही आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद का नाम भारतीय राजनीति में एक प्रमुख स्थान रखता है. कांग्रेस के शासन के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया और पार्टी के भीतर एक मजबूत नेता के रूप में जाने गए. लेकिन, 2022 में उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर अपनी नई पार्टी, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP), की स्थापना की थी. उनकी इस नई पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में एक नई राजनीतिक धारा की शुरुआत की थी.
विधानसभा चुनाव की तैयारियां
इसके अलावा आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में चुनाव की घोषणा की गई है. निर्वाचन आयोग के अनुसार, पहले चरण का चुनाव 18 सितंबर, दूसरा चरण 25 सितंबर और तीसरा चरण एक अक्टूबर को होगा. चार अक्टूबर को चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे. इन चुनावों में DPAP की भूमिका और उसके नेताओं के इस्तीफों का असर देखने योग्य होगा.