Jammu & Kashmir Politics News: जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसको लेकर अब राजनीतिक बयानबाजी जोरों पर है. बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू में कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए विपक्ष को आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नीतियों का समर्थक बताया है. उन्होंने कहा कि इस बार जम्मू-कश्मीर के लोग पहली बार एक तिरंगे के नीचे मतदान करेंगे, बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान के तहत चुनाव हो रहा है. अमित शाह ने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियां फिर से आतंकवाद और अशांति का माहौल बनाना चाहती हैं, जो कभी यहां की नीतियों का हिस्सा रहा है.
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अब्दुल्ला परिवार और विपक्षी दलों पर आरोप
आपको बता दें कि अमित शाह ने अब्दुल्ला परिवार और महबूबा मुफ्ती की पीडीपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भी जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बढ़ता है, ये परिवार बाहर चले जाते हैं. उन्होंने इन पार्टियों पर भ्रष्टाचार को चरम पर ले जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि तीन परिवारों ने जम्मू-कश्मीर के विकास को अवरुद्ध किया है. उन्होंने जनता से अपील की कि एनसी और कांग्रेस को समर्थन देने से बचें, क्योंकि इन पार्टियों की जीत से राज्य में आतंकवाद को फिर से बढ़ावा मिलेगा.
नेशनल कांफेरेंस, कांग्रेस व पीडीपी वाले कहते हैं, हम पहले जैसी व्यवस्था लाएंगे। क्या आप इससे सहमत हो?
— BJP (@BJP4India) September 7, 2024
जिस ऑटोनॉमी की बात ने जम्मू कश्मीर को आग में झुलसाया, घाटी में 40 हजार लोग मारे गए... ये कहते हैं, हम जम्मू कश्मीर को ऑटोनॉमी देंगे। मैं आज कह कर जाता हूं, कोई भी ताकत ऑटोनॉमी… pic.twitter.com/sSz7yfJ1jf
आतंकवाद और पत्थरबाजी को लेकर सख्त रुख
वहीं आपको बता दें कि अमित शाह ने कहा कि विपक्षी दलों की मंशा जेलों में बंद आतंकवादियों और पत्थरबाजों को छुड़ाकर घाटी में फिर से हिंसा भड़काने की है. उन्होंने जनता से सवाल करते हुए कहा कि क्या वे शांति भंग करने की इस साजिश को सफल होने देंगे? शाह ने जोर देकर कहा कि इस चुनाव में जनता को अपनी सुरक्षा और विकास के लिए सही विकल्प चुनना होगा, जिससे आतंकवाद फिर से पैर न जमा सके.
स्टेट के दर्जे पर विपक्ष का झूठा वादा
साथ ही आपको बता दें कि अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के विपक्ष के वादों को झूठा करार दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य का दर्जा केवल भारत सरकार ही वापस दे सकती है और इस बारे में उन्होंने पहले ही कहा था कि विधानसभा चुनावों के बाद जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि राज्य का दर्जा सिर्फ केंद्र सरकार ही बहाल कर सकती है.
पाकिस्तान पर सीधा संदेश
इसके साथ ही आपको बता दें कि अमित शाह ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित नहीं होती, तब तक पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहां का पहला चुनाव हो रहा है, जिसमें लोग तिरंगे के नीचे अपने अधिकारों का प्रयोग करेंगे. शाह ने कहा कि 70 साल बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने अधिकार मिले हैं और मोदी सरकार ने यहां विकास के लिए जो प्रतिबद्धता दिखाई है, वह पहले किसी ने नहीं की.
विकास के एजेंडे पर जोर
इसके अलावा आपको बता दें कि अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को एम्स, आईआईटी और अन्य विकास परियोजनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि धारा 370 के हटने के बाद राज्य में आतंकवाद में कमी आई है और अब सरकार आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए काम कर रही है.