Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और सभी प्रमुख दल अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. इस बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के दौरान एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है.
मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर अब्दुल्ला का जवाब
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''यह फैसला 4 अक्टूबर को होगा.'' उनका यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस इस बार कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. उमर अब्दुल्ला का कहना है कि चुनाव परिणाम आने के बाद ही यह तय होगा कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा. उन्होंने कहा, ''पहले विधायक तो बनें, हम लोग चुनाव जीतेंगे, उसके बाद ही मुख्यमंत्री पद का निर्णय लिया जाएगा.''
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चुनाव को आसान नहीं मानते उमर अब्दुल्ला
वहीं उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि वे किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेते. उन्होंने 2008 के गांदरबल विधानसभा चुनाव की याद दिलाते हुए कहा, ''गांदरबल की जनता ने मुझे विधायक के रूप में चुना था और मुझे उम्मीद है कि इस बार भी वे मेरा साथ देंगे.'' अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि वे हर चुनाव को गंभीरता से लेते हैं और चुनावी मैदान में पूरे आत्मविश्वास के साथ उतरते हैं.
बीजेपी के खिलाफ एकजुटता की अपील
साथ ही आपको बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के इस प्रमुख नेता ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ एकजुट होकर मुकाबला करने की अपील की. उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''हमारी कोशिश है कि बीजेपी के खिलाफ एक यूनाइटेड फ्रंट के रूप में खड़े हों और उन्हें अधिकतम सीटें जीतने से रोका जा सके.'' उनका मानना है कि अगर विपक्ष एकजुट होकर चुनाव लड़े तो बीजेपी को चुनावी नुकसान पहुंचाया जा सकता है.
गठबंधन की मजबूती पर जोर
इसके अलावा आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. उमर अब्दुल्ला ने गठबंधन की मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि यह गठबंधन बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में कारगर साबित होगा. उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन की यह रणनीति राज्य की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है.
बहरहाल, जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक माहौल गर्म हो चुका है और उमर अब्दुल्ला का यह बयान निश्चित रूप से चुनावी समीकरणों को प्रभावित करेगा. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 4 अक्टूबर को चुनाव परिणाम क्या दिशा लेते हैं और मुख्यमंत्री पद के लिए किसका नाम सामने आता है.