जम्मू-कश्मीर (Jammu kashmir) से अनुच्छेद 370 को हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेश बनाने के 68 दिन बाद पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं 12 अक्टूबर से शुरू हो सकती हैं. वहां के अधिकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि घाटी में ग्राहकों को इंटरनेट सेवाओं के दोबारा शुरू होने के लिए कुछ और समय तक इंतजार करना होगा.
यह भी पढ़ेंः अमित शाह के मामले में राहुल गांधी को मिली जमानत, अगली सुनवाई 7 दिसंबर को
जम्मू-कश्मीर के अफसरों ने कहा कि निर्णय लिया गया है कि शुरुआत में पोस्टपेड मोबाइल की सेवाएं शुरू की जाएंगी और फिर प्री-पेड सेवाओं को बहाल कर दिया जाएगा. उन्होंने यह भी जोर दिया है कि पोस्टपेड मोबाइल सेवाओं के लिए ग्राहक का उचित सत्यापन किया जाए.
घाटी में लगभग 66 लाख मोबाइल ग्राहक हैं, जिनमें से लगभग 40 लाख ग्राहकों के पास पोस्ट-पेड सुविधाएं हैं. केंद्र द्वारा पर्यटकों के लिए घाटी खोलने की सलाह जारी करने के दो दिन बाद यह कदम उठाया गया. ट्रैवल एसोसिएशन ने प्रशासन से संपर्क किया था. इसमें कहा गया था कि जहां कोई भी मोबाइल फोन काम न करे वहां कोई भी पर्यटक नहीं आना चाहेगा.
यह भी पढ़ेंःसिंदूर खेला के बाद नुसरत जहां ने कट्टरपंथियों को दिया कड़ा जवाब, कही ये बड़ी बात
केंद्र की ओर से संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने के बाद बाद 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में मोबाइल सेवाएं बंद कर दी गई थीं. घाटी में 17 अगस्त को आंशिक फिक्स्ड लाइन टेलीफोन को फिर से शुरू किया गया था और 4 सितंबर तक लगभग 50,000 की संख्या वाली सभी लैंडलाइनों को चालू घोषित कर दिया गया था.
जम्मू में नाकाबंदी के दिनों के भीतर संचार प्रणाली को बहाल कर दिया गया था और यहां तक कि मोबाइल इंटरनेट भी अगस्त के मध्य में शुरू किया गया था. हालांकि, इसके दुरुपयोग के बाद, 18 अगस्त को सेलुलर फोन पर इंटरनेट की सुविधा छिन गई थी.