नरेंद्र मोदी की पहली कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. बुधवार को नई दिल्ली में हुई इस कैबिनेट बैठक में तीन तलाक से लेकर जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को बढ़ाने तक के लिए फैसले लिए गए हैं. सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में छह महीने के राष्ट्रपति शासन को बढ़ा दिया गया है. कैबिनेट की मीटिंग में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने को मंजूरी मिल गई है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था जिसके बाद पीडीपी और बीजेपी ने गठबंधन की सरकार बनाई थी. लेकिन यह सरकार पूरा कार्यकाल नहीं कर पाई और लोकसभा चुनाव से काफी पहले यह सरकार गिर गई. बीजेपी ने महबूबा मुफ्ती की पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया था. जून 2018 को राज्य में इसके बाद राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया था. 20 दिसंबर 2018 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया. अब इसे आगे छह महीनों के लिए बड़ा दिया गया है.
यह भी पढ़ेंः दिल्ली मेट्रो में फ्री सफर करने के लिए महिलाओं को करना होगा कम से कम 8 महीने का इंतजार
दिल्ली में बुधवार को हुई कैबिनट की बैठक में सबसे महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है. मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक के निजात दिलाने के लिए इस बार बिल लाया जाएगा और विपक्ष ने जो आपत्ति जाहिर किया उस पर भी ध्यान दिया जाएगा. ये नया बिल होगा जो संसद में इंट्रोड्यूस होगा. बता दें कि केंद्र में लगातार दूसरी बार सरकार बनने के बाद बुधवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट (central cabinet) की बैठक हुई है.
यह भी पढ़ेंः Jammu-Kashmir: अनंतनाग में CRPF टीम पर बड़ा आतंकी हमला, 5 जवान शहीद; एक आतंकवादी ढेर
कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि हम आगामी संसद सत्र में ट्रिपल तलाक विधेयक पेश करेंगे. इसे लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी है. अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे क्षेत्रों में रहने वाले जेके के लोगों के लिए यह अच्छी खबर है. साथ ही अब ये लोग विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में सीधी भर्ती, पदोन्नति और प्रवेश में आरक्षण का लाभ उठा सकते हैं.
यह भी पढ़ें ः संजय लीला भंसाली की अगली फिल्म 'इंशाल्हा' में नजर आएंगे सलमान-आलिया, इस दिन होगी रिलीज
Union Cabinet has approved “The Central Educational Institutions (Reservation in Teachers' Cadre) Bill, 2019”; 7000 existing vacancies to be filled up by direct recruitment in Teachers’ Cadre.
— ANI (@ANI) June 12, 2019
वहीं, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों (शिक्षकों के संवर्ग में आरक्षण) विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी है. शिक्षक संस्थाओं में सीधी भर्ती 7000 रिक्तियां भरी जाएंगी.