सुंजवान आर्मी कैंप हमले के बीच अलगाववादियों ने मकबूल बट की 34वीं बरसी पर घाटी में बंद का आह्वान किया है। जिसके मद्देनजर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिये हैं।
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के संस्थापक मकबूल बट की 34वीं की बरसी के मौके पर रविवार को अलगाववादियों के बुलाए गए विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए प्रशासन ने श्रीनगर और कश्मीर घाटी के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध लगा दिया है।
बट को 11 फरवरी 1984 को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी। वह कुपवाड़ा के त्रेहगाम गांव का रहने वाला था। श्रीनगर के अलावा उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले और सोपोर में भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।
वरिष्ठ अलगाववादी नेता सईद अली गिलानी, मीरवैज उमर फरूक, मुहम्मद यासीन मलिक को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से रोकने के लिए हिरासत में रखा गया है।
और पढ़ें: छत्तीसगढ़: बीजापुर में नक्सलियों के IED ब्लास्ट में एक जवान शहीद
जिन इलाकों में प्रतिबंध लगाया गया है, वहां किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की टुकड़ियां तैनात की गई हैं।
वहीं, 24 जनवरी को शोपियां जिले के शैगाम गांव में गोलीबारी के दौरान घायल हुई साइमा वानी (18) ने श्रीनगर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया है।
इस गोलीबारी में दो आतंकवादी और एक नागरिक मारे गए थे और साइमा सहित दो लड़कियां घायल हुईं थीं।
और पढ़ें: सुंजवान आतंकी हमला: ऑपरेशन जारी, अब तक 5 जवान शहीद और 4 आतंकी ढेर, बिपिन रावत करेंगे दौरा
Source : IANS