जम्मू में डिटेंशन और डिपोर्टेशन की पुलिस कार्यवाही झेल रहे रोहिंग्या रिफ्यूजियों जम्मू छोड़ रहे हैं। कुछ महीने पहले पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए 200 से ज्यादा रोहिंग्या को हीरानगर के डिटेंशन सेंटर शिफ्ट किया गया था। इसके साथ ही पुलिस द्वारा लागतार रोहिंग्या बस्तियों में गैर कानूनी तरीके से रह रहे रोहिंग्या से पूछताछ की जा रही थी। बताया जा रहा है की पुलिस की इसी कार्यवाही से डर कर पिछले कुछ महीने पहले रोहिंग्या का जम्मू से निकलना शुरू हो गया था। जो सिलसिला अभी भी जारी है। जानकारी के मुताबिक इनमे से कुछ रोहिंग्या देश के दूसरे शहरों में रह रहे अपने रिश्तेदारों के पास चले गए है। जबकि कुछ लोग असम पहुंच कर बंगला देश जाने की कोशिश भी कर रहे है। जिन्हे असम पुलिस द्वारा हिरासत में भी लिया गया है।
कुछ महीने पहले पुलिस के पास ये जानकारी आई थी की जम्मू में रह रहे कई रोहिंग्या ने अपने फेक आधार कार्ड बनवाए है और उसकी मदद से मोबाइल नंबर और दूसरे कई डॉक्यूमेंट भी बनवाए है। इस जानकारी के सामने आने और वेरिफिकेशन के बाद जम्मू पुलिस ने 200 से ज्यादा रोहिंग्या को हिरासत में लेकर हीरानगर डिटेंशन सेंटर भेज दिया था। इस कार्यवाही से डरे रोहिंग्या ने उस समय भी जम्मू से जाने की कोशिश की थी जिसके बाद पुलिस ने उन्हें अपनी जगह पर ही रहने को कहा था। उसके बाद से ही पुलिस लागतार जम्मू में रह रहे रोहिंग्या पर नजर भी रख रही है और उनका डाटा भी लागतार अपडेट कर रही है।
वही रोहिंग्या रिफ्यूजी को लेकर काफी लंबे समय से जम्मू से बाहर निकलने की मांग उठती आई है । रोहिंग्या के डिपोर्टेशन को लेकर जम्मू की हाईकोर्ट में मामला भी चल रहा है। जहा कोर्ट के सामने उनके फेक डॉक्यूमेंट और आधार कार्ड को भी साक्ष्य के तौर पर रखा गया है। रोहिंग्या रिफ्यूजी में से कुछ के एंटी सोशल एलिमेंट के साथ तार जुड़ने की खबर भी कुछ दिन पहले हुई दो रोहिंग्या की गिरफ्तारी के बाद सामने आई थी।
Source : Shahnwaz Khan