जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग होने के बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, मैं राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त नहीं चाहता था. लगातार इस तरह की खबरें आ रही थीं. नई सरकार बनवाकर मैं राज्य में किसी तरह की अस्थिरता नहीं चाहता था. उन्होंने कहा, राज्य में जल्द चुनाव हो और जनता की चुनी हुई नई सरकार बने. उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के रूप में ज्वाइन करने के साथ ही मैं राज्य में जोड़-तोड़ और खरीद फरोख्त की मदद से सरकार बनाने के पक्ष में नहीं था. मैं चाहता हूं कि राज्य में विधानसभा चुनाव हों और चुनी हुई नई सरकार सरकार बनाए.
I have been saying it since day one of my appointment as Governor that I'm not in favour of any govt formed in the state with underhand defection & horse trading. I would instead want that elections are held & selected government rules the state: J&K Governor Satya Pal Malik pic.twitter.com/2r5qOAs9TZ
— ANI (@ANI) November 22, 2018
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, ये वो लोग हैं जो ग्रासरूट डेमोक्रेसी नहीं चाहती थीं और चीजें हाथ से निकलती देख अपवित्र गठबंधन करके सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया. मैंने कोई पक्षपात नहीं किया. मुझे जो जम्मू कश्मीर की जनता के पक्ष में लगा, वहीं काम मैंने किया है.
Ye forces wo hain jo grassroot democracy bilkul nahi chahti thin aur achanak ye dekhke ki hamare haath se chijein nikal rahi hain,ek unholy alliance karke mere saamne aa gaye. Maine kisi ka pakshpat nahi kiya.Maine jo J&K ki janta ke paksh me tha wo kaam kiya hai: J&K Governor pic.twitter.com/6t3TyqIRSK
— ANI (@ANI) November 22, 2018
राज्यपाल ने कहा, फैक्स का मसला कोई मुद्दा नहीं है. कल ईद थी. सभी को यह समझना चाहिए कि ईद पर छुटि्टयां होती हैं. यहां तक कि मेरा रसोइया भी छुट्टी पर था. उन्होंने यह भी कहा, अगर फैक्स रिसीव भी हो जाता तो भी मेरा यही फैसला होता. उनको परेशानी थी तो वो कोर्ट जाएं. पांच माह से सभी दल यहीं मांग कर रहे हैं. मैं चाहता हूं कि वे कोर्ट जाएं. यह उनका अधिकार है. उन्हें कोर्ट जाना चाहिए.
Fax isn't an issue. Yesterday was Eid. Both of them are devoted Muslim & should know that offices are closed that day. Even my cook was on leave, let alone the person who handles fax. Even if I had received the fax, my stand would have been the same: J&K Governor Satya Pal Malik pic.twitter.com/QEMkuZAtIC
— ANI (@ANI) November 22, 2018
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, क्या सोशल मीडिया के सहारे सरकार बनेगी. मैं न ट्वीट करता हूं और न ट्वीट देखता हूं. मैंने ईद के पवित्र मौके पर विधानसभा भंग करने का पवित्र फैसला लिया. यह चुनाव आयोग को अधिकार है कि वह कब चुनाव कराना चाहता है.
Are govts formed through social media? I neither tweet nor see the tweets.I selected y'day for the decision (dissolution of assembly) as it was holy day,it was Eid.Election Commission will decide when polls will be held:J&K Governor on Mehbooba Mufti's tweet of letter sent to him pic.twitter.com/OqeaAoTA2B
— ANI (@ANI) November 22, 2018
Why will they go to court? They were demanding this since five months. I want that they go to court, it's their right, they should go: J&K Governor Satya Pal Malik on reports that PDP will approach court against dissolution of #JammuAndKashmir assembly pic.twitter.com/BWpKFitJrq
— ANI (@ANI) November 22, 2018
बता दें कि एक दिन पहले राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा को उस समय भंग कर दिया था, जब पीडीपी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था. पीडीपी के अनुसार, उसे कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस का समर्थन हासिल था. दूसरी ओर, बीजेपी के समर्थन से पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन ने भी दावा पेश कर दिया. उसके बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दिया. अब राज्य में चुनाव का रास्ता साफ हो गया है.