जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती के खिलाफ देशभर में गुस्सा है. ये गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है. जम्मू में सोमवार को एक बार फिर से महबूबा के तिरंगे झंडे को लेकर दिए बयान के खिलाफ पीडीपी कार्यालय पर तिरंगा झंडा लगाने के लिए प्रदर्शनकारियों की भीड़ उमड़ी.
भीड़ को रोकने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. बीजेपी ने जम्मू में विलास दिवस के मौके पर गुपकार गैंग को जवाब देने के लिए तिरंगा रैली का आयोजन किया. जिसमे बीजेपी के सैंकड़ो कार्यकर्ता तिरंगा झंडा लेकर शामिल होने पहुंचे.
तिरंगा रैली के साथ-साथ प्रदर्शनकारियों के एक दल ने पीडीपी के ऑफिस पर धावा बोल दिया और पुलिस से भीड़ गए. पुलिस से भिड़ने के बावजूद कई प्रदर्शकारी पीडीपी दफ्तर के ऊपर चढ़ गए और पीडीपी के झंडे के ऊपर तिरंगा झंडा लगा दिया.
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पीडीपी कार्यालय में पुलिस के लिए मुश्किल तब खड़ी हो गई जब एक कश्मीरी पंडित महिला हाथों में तिरंगा लेकर कार्यालय के बाहर नारे लगाते हुए पहुंच गई और पीडीपी के कार्यालय में झंडा लगाने की ज़िद पर अड़ गई. महिला का नाम सुनीता रैना था. सुनीता वो ही महिला है जिन्होंने 2017 में कश्मीर के लाल चौक में झंडा लहराया था जिसके बाद वो लोगों की नज़रों में आई थी. आज फिर उन्होंने तिरंगा झंडा लगाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उनको इसकी इजाजत नहीं दी.
विलय दिवस के मौके पर बीजेपी के शीर्ष नेताओं और कार्यकर्ताओं ने महाराजा हरिसिंह पार्क जाकर उनको नमन किया. इस मौके पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा गुपकर गैंग की किसी भी साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. प्रदेश के लोगों ने अपने खून देकर 370 को जम्मू-कश्मीर से हटाया है ऐसे में जो लोग 370 को लेकर और तिरंगे को लेकर बोलेंगे उन्हें घसीट कर पाकिस्तान भेज दिया जाएगा.
Source : News Nation Bureau