हिजबुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के बेटे सैयद शाहिद को जम्मू-कश्मीर सरकार ने नौकरी से निलंबित कर दिया है। शाहिद कृषि विभाग में तैनात थे। मार्च में सरकार द्वारा उसकी संविदागत नौकरी की पुष्टि हुई थी।
आतंकी सैयद सलाहुद्दीन के बेटे को छह साल पुराने टेरर फंडिंग के मामले में 24 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
शाहिद को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा पूछताछ के लिए मुख्यालय तलब किया गया था, जिसके बाद उसे 24 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल वह 27 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं। शाहिद अपने परिवार के साथ बडगांव जिले के सोइबूग गांव में रहते थे।
अधिकारियों ने निलंबन को सामान्य प्रक्रिया बताया है। अधिकारियों ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर सरकार ने हिजबुल मुजाहिद्दीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के बेटे को निलंबित कर दिया है।'
एजेंसी ने शाहिद पर अपने पिता सलाहुद्दीन के इशारे पर एजाज भट्ट से वित्ती सहायता प्राप्त करने का आरोप लगाया है। एजाज श्रीनगर का एक नागरिक है, जो सऊदी अरब का रहने वाला है और हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी है। सलाहुद्दीन के पाकिस्तान में होने की आशंका जताई जा रही है।
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एनआई ने कहा कि शाहिद, भट्ट के कई संर्पकों में से एक था, जो 'पैसे हस्तांतरण कोड प्राप्त करने' के लिए उसके साथ टेलीफोन के संपर्क में था। यह पैसा जम्मू और कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी गतिविधियों को वित्त पोषित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
शाहिद, सलाहुद्दीन का तीसरा बेटा है और संयुक्त जिहाद काउंसिल का अध्यक्ष है। संयुक्त जिहाद काउंसिल पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में स्थित कश्मीरी आतंकवादी समूहों का मिश्रण है। एनआईए ने 2011 में छह अभियुक्तों के खिलाफ दो आरोप पत्र दायर किए थे।
आरोप पत्र में शामिल चार आरपियों में से एक कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सईद अली शाह गिलानी के करीबी गुलाम मोहम्मद भट्ट, मोहम्मद सिदी गनई, गुलाम जीलानी लिलो और फारूक अहमद दग्गा दिल्ली के केंद्रीय जेल तिहाड़ में हैं।
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Source : News Nation Bureau