कश्मीर की सेंट्रल जेल, जम्मू की कोटबलवाल और किश्तवाड़ की जेल में बंद करीब 150 आतंकियों को हरियाणा और उत्तर प्रदेश की जेलों में शिफ्ट कर दिया गया है. इनमें से ज्यादातर कैदी आतंकी गतिविधियों और नार्को टेरर को लेकर जेल में बंद थे. सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की खबर लगी थी कि इनमें से कुछ कैदी जेल में बैठकर अपने नेटवर्क को चलाने की कोशिशों में लगे हुए हैं. इस जानकारी के सामने आने के बाद जेल प्रशासन ने सरकार को इस बारे में अवगत करवाया था, जिसके बाद सरकार ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकार से इस बाबत बात की थी.
नार्को टेरर में गिरफ्तार हुए कैदियों को लेकर जम्मू-कश्मीर की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने भी अपनी रिपोर्ट सुरक्षा एजेंसियों को दी थी, जिसमें बताया गया था कि कुछ नार्को टेररिस्ट अपने परिवार और रिश्तेदारों की मदद से जेल से अपने नेटवर्क को चलाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके साथ ही 18 अगस्त को जम्मू की कोटबलवाल जेल में बंद लश्कर के आतंकी मोहम्मद अली हुसैन के तार भी पाकिस्तान की ड्रोन वाली साजिश से जुड़ते नजर आए थे. इसके बाद पुलिस उसे बॉर्डर पर ड्रोन से डिलीवर किए गए हत्यारों की बरामदगी के लिए लेकर गई थी, जहां मुठभेड़ में वो मारा गया था.
इन्हीं सब जानकारियों के सामने आने के बाद जेल प्रशासन ने संदिग्ध नजर आ रहे कैदियों को जम्मू-कश्मीर से बाहर भेज दिया है. आने वाले दिनों में कुछ और कैदियों को भी भेजा जा सकता है. जानकारी के मुताबिक, नार्को टेरर और ड्रग तस्करी के मामलों में करीब 1400 कैदी अलग-अलग जेलों में बंद हैं. आतंकी वारदातों और हमलों के मामले में 480 कैदी अलग-अलग जेलों में हैं और इनमें से 410 कैदियों पर UAPA भी लगा हुआ है.
Source : Shahnwaz Khan