Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम सोमवार को घटनास्थल पर पहुंच गई. इस टीम का नेतृत्व एक वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं. चार सदस्यीय टीम घटनास्थल पर फोरेंसिक विश्लेषण करेगी और बारीकी से जांच करेगी. बता दें कि रविवार शाम गांदरबल के गगनगीर में एक आतंकवादी हमले में छह प्रवासी मजदूरों समेत सात लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में एक डॉक्टर भी शामिल है.
हर पहलू से की जाएगी जांच
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) इस मामले को जम्मू-कश्मीर पुलिस से एनआईए को स्थानांतरित कर सकता है. एनआईए की टीम सुबह-सुबह घटनास्थल पर पहुंची और घटना से जुड़े सभी संभावित पहलुओं की जांच शुरू कर दी. अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोनमर्ग के पास एक सुरंग के निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों के शिविर पर गोलीबारी कर दी. बताया जा रहा है कि दो आतंकियों ने भारी हथियारों के साथ शिविर पर अंधाधुंध गोलियां चलाना शुरू कर दी. बताया जा रहा है कि आतंकियों का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों जान लेना था.
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दो आतंकियों ने किया हमला
सूत्रों का कहना है कि इस हमले को कम से कम दो आतंकियों ने अंजाम दिया. इस दौरान आतंकियों ने मेस सहित शिविर के कई इलाकों में अंधाधुंध गोलीबारी की. एनआईए की टीम हर पहलू से इस हमले की जांच करेगी. कथित तौर पर इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की शाखा आतंकवादी समूह 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने ली है.
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पीड़ितों की हुई पहचान
इस आतंकी हमले में मारे गए लोगों की पहचान हो गई है. मरने वालों में बिहार के फहीम नासिर, मध्य प्रदेश के अनिल शुक्ला, बिहार के मोहम्मद हनीफ, बिहार के कलीम, जम्मू के शशि अबरोल, पंजाब के गुरुमीत सिंह और कश्मीर के बडगाम के डॉ. शाहनवाज के रूप में की गई है.
किसी बुनियादी ढांचागत परियोजना पर पहला हमला
बता दें कि ये पहली बार है जब आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में किसी बुनियादी ढांचागत परियोजना पर को निशाना बनाया हो. क्योंकि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने कभी भी निर्माण कार्य में लगे दल को निशाना नहीं बनाया. बता दें कि जिन श्रमिकों पर हमला किया गया वह विशेष रूप से रणनीतिक जेड-मोर्ह सुरंग के निर्माणकार्य में लगे हुए थे.