मिग-21 प्लेन क्रैश में शहीद गए फ्लाइट लेफ्टिनेंट आदित्य बल को शनिवार को देशभक्ति भरे माहौल में नम आंखों से हजारों लोगों ने अंतिम विदाई दी. आदित्य बल का अंतिम संस्कार शनिवार को भारत-पाक सीमा के पास जम्मू जिले के रणवीर सिंह पुरा के एक गांव में पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक इस मौके पर शहीद बल की मां ने कहा कि मेरे बेटे ने दुश्मनों से लड़ने के लिए एयर फोर्स ज्वाइन किया था, न कि एयर क्रैश में मरने के लिए. इसके साथ ही दुश्मनों से लड़ने के बजाय क्रैश के लिए मशहूर पुराने विमान को उड़ाते हुए जिस तरह से उसकी मौत हुई, उस पर परिवार के सदस्यों ने दुख व्यक्त किया है. इसके साथ ही परिवार वालों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से आग्रह किया कि वे पुराने मिग -21 जेट के पूरे बेड़े को तुरंत हटा दें, ताकि कोई और युवा जान न जाए.
फ्लाइट लेफ्टिनेंट आदित्य बल का पार्थिव शरीर जम्मू में एयरफोर्स स्टेशन पर एक सर्विस एयरक्राफ्ट से लाया गया. यहां भारतीय वायुसेना स्टेशन पर एक पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया और एयर ऑफिसर कमांडिंग (एओसी) एयर कमोडोर जीएस भुल्लर ने बल को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने मातृभूमि की सेवा करते हुए राजस्थान के बाड़मेर में एक प्लेन क्रैश में सर्वोच्च बलिदान दिया. बाद में फ्लाइट लेफ्टिनेंट आदित्य बल के पार्थिव शरीर को आरएस पुरा के सीमावर्ती क्षेत्र के जिंदर मेहलू गांव में उनके घर ले जाया गया, जहां हजारों लोग फाइटर पायलट को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए पहले से जमा थे.
पायलट के घर के बाहर सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग ताबूत के आने का इंतजार कर रहे थे. बल का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके पैतृक गांव पहुंचा तो अंतिम दर्शन के लिए लोगों भीड़ उमड़ पड़ी. इसके बाद घर पर पारंपरिक अनुष्ठानों के बाद निजी वाहनों और तिरंगे पहने मोटरसाइकिल सवारों के एक लंबे काफिले के बाद के साथ फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पार्थिव शरीर को 'आदित्य बल अमर रहे और भारत माता की जय' के नारे के बीच अंतिम संस्कार के लिए क्रीमेटारूम ले जाया गया.
इस मौके पर भारतीय वायु सेना के अधिकारियों के अलावा, संभागीय आयुक्त जम्मू रोमेश कुमार, जिला आयुक्त जम्मू अवनी लक्सा और अन्य अधिकारी भी दिवंगत IAF अधिकारी के अंतिम जुलूस में शामिल हुए और उन्हें श्रद्धांजलि दी. श्मशान में मृतक अधिकारी के रिश्तेदारों और करीबी दोस्तों ने रोते हुए केंद्र सरकार से मिग -21 जेट के पूरे बेड़े को तुरंत सेवानिवृत्त करने का आग्रह किया, ताकि कोई और युवा जीवन न खोए.
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देशभक्ति और अश्रुपूर्ण माहौल के बीच उनके छोटे भाई हर्षित बल (एक इंजीनियर) ने शहीद अधिकारी की चिता को अग्नि दी. यह देखते ही परिजन और मौके पर मौजूद कई लोग टूट गए. लेफ्टिनेंट अदितिया बल भारतीय वायु सेना (IAF) के दो पायलटों में से एक थे, जो गुरुवार रात बाड़मेर के पास एक प्रशिक्षण उड़ान के दौरान दो सीटों वाले मिग -21 ट्रेनर विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से मारे गए थे. हिमाचल प्रदेश के विंग कमांडर एम राणा दूसरे पायलट थे.
Source : News Nation Bureau