झारखंड में यूपीए गठबंधन सरकार के 1000 दिन पूरे, ऐतिहासिक पल किया तय

झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के समर्थन से बनी सरकार ने काफी उठा पटक के साथ 1000 दिन का ऐतिहासिक पल तय किया है.

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Vineeta Kumari
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झारखंड में यूपीए गठबंधन सरकार के 1000 दिन पूरे( Photo Credit : फाइल फोटो)

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झारखंड में यूपीए गठबंधन सरकार के 1000 दिन पूरे हो गए हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के समर्थन से बनी सरकार ने काफी उठा पटक के साथ 1000 दिन का ऐतिहासिक पल तय किया है. यूपीए सरकार में सभी विधायकों के सहयोग से मुख्यमंत्री के पद पर 29 दिसंबर 2019 को हेमंत सोरेन ने शपथ ग्रहण किया और कोरोना काल में सरकार ने सफर तय किया. 2 साल तो कोरोना काल में बीत गए, लेकिन सरकार ने प्रवासी मजदूरों को वायु मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग के जरिए स्वदेश वापसी कराया. कोरोना से पीड़ित आमलोगों से लेकर खास लोगों तक सरकारी सुविधाएं, जिसमें इलाज, आर्थिक सहायता, खाने पीने की व्यवस्था समेत अन्य व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई गई, जिसकी चर्चा आज झारखंड की जनता की जुबां पर है.

हेमंत सरकार ने नई औद्योगिक नीति, नई खेल नीति, नई पर्यटन नीति सहित कई नए नीतियों से झारखंड को नवाजा और 77 फीसदी आरक्षण पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित किया है. 1932 का खतियान राज्य की जनता के लिए बड़ी सौगात है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के युवा-युवतियों को रोजगार से जोड़ने का कार्य किया, जिसमें झारखंड लोक सेवा आयोग में पहले वर्ष 326 पद पर और दूसरे वर्ष 251 पद पर बहाली की गई. वहीं शिक्षा के क्षेत्र में पहले चरण में 25996 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी और दूसरे चरण में 24000 अन्य शिक्षकों की बहाली की जाएगी.

वर्ष 2023 के पहले वर्ष तक झारखंड में कुल 50,000 शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, जिससे राज्य की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आ सके. इसी दौर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के महिला कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी, जिसमें झारखंड के आंगनबाड़ी के महिला सेविका और सेविकाओं को मानदेय देने का कार्य किया है. इसी तरह झारखंड के बुढ़ापे की सहारा के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की, जिसका सम्मान आज पूरे राज्य की जनता कर रही है.

हेमंत सरकार के 1000 दिन की सफलताओं की बात करें तो पुरानी पेंशन योजना, गरीबों को bpl कार्ड के आधार पर 25 लीटर पेट्रोल सब्सिडी पर देना, आंगनबाड़ी महिला सेविका और सहायिकाओं का मानदेय, स्थानीयता के लिए 1932 खतियान कैबिनेट में पारित करना, राज्य में विकास 20 सूत्री का गठन करना सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है. ऐसे कई उपलब्धियों से झारखंड की जनता को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी सरकार ने नवाजा है, जिसकी सराहना आज आम जनता कर रही है. 

आम जनता की जुबान पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम है और उनके सरकार के क्रियाकलापों की भी चर्चा है. सरकार में शामिल स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता अपनी सरकार के 1000 दिन पूरे होने पर कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दर्जनों विकास कार्यों की सौगात और उपहार दिए हैं.                 

वहीं सरकार के इस 1000 दिन पर झारखंड में यूपीए गठबंधन पर प्रदेश भाजपा के नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके सरकार ने जो 1000 दिन पूरा किया है. वह भय का दिन पूरा किया है. बलात्कार का दिन पूरा किया है. झारखंड के जनता का शोषण का दिन पूरा किया है, जो उन्होंने चुनावी वादे किए थे, उस मंसूबे पर असफल हुए हैं और अपनी ऐशो आराम के लिए, नई-नई संपत्तियां बनाने में लगे हुए हैं. हेमंत सरकार और उनके मंत्री के साथ कई ऐसे विधायक हैं, जिन पर लगातार झारखंड की जनता आरोप लगा रही है. चाहे वह आरोप भ्रष्टाचार के हो या जनता के शोषण के हो या अन्य तरह के मुद्दे हो, उन मुद्दों में पूरी तरह से झारखंड सरकार घिरती हुई नजर आई है.

झारखंड की विधि व्यवस्था 1000 दिन में इतनी गिर गई कि आज खुलेआम राज्य के किसी भी क्षेत्र में हत्या हो रही है. हिंदू और आदिवासी लड़कियों का बलात्कार किया गया है, उनका धर्मांतरण किया गया है. रोजगार के नाम पर झारखंड की जनता और युवा-युवतियों को बेवकूफ बनाया गया. सबसे बड़ी बात है 1932 का खतियान कैबिनेट में पारित कर झारखंड की जनता को एक और बड़ी बेवकूफी का सौगात की घोषणा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया है, जिसे पूर्व में हाईकोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया था. वहीं सोरेन सरकार के काम काज पर आम जनता मुख्यमंत्री से खुश नजर आ रही है तो कुछ युवा वर्ग  के लोग नाराज भी है.

Source : News Nation Bureau

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