जिला कल्याण पदाधिकारी नीली सरोज कुजूर ने अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर जिले के 10 विद्यालयों के अलावा कल्याण विभाग के तीन कर्मियों के विरुद्ध सदर थाने में मामला दर्ज करवाया है. आपको बता दें कि यह मामला वित्तीय वर्ष 2017-18 से लेकर 2019-20 का है, जिसमें प्री मैट्रिक बोर्ड परीक्षा में शामिल 1433 अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को कुल 1 करोड़ 50 लाख 83 हजार 750 रुपये की राशि छात्रवृत्ति के रूप में दी जानी थी, लेकिन इसी बीच में ही गबन कर लिया गया. जिसके बाद मार्च 2022 में उपायुक्त के निर्देश पर एक जांच कमेटी गठित की गई थी. जांच कमेटी द्वारा 10 विद्यालयों व कल्याण विभाग के तीन कर्मियों को दोषी पाया गया. उसके बाद जिला कल्याण पदाधिकारी निली सरोज कुजूर ने दोषियों पर मामला दर्ज करवाया.
क्या है मामला
जांच में पाया गया कि विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के जगह बाहरी बच्चों का फर्जी सूची बनाकर राशि का गमन कर लिया गया, जबकि विद्यालयों में नामांकित बच्चों को किसी भी तरह की राशि उपलब्ध नहीं हो सकी. इस मामले में आरोपी विद्यालयों में से एक चाइल्ड प्रोग्रेसिव स्कूल के संचालक ने बताया कि कल्याण विभाग को हमारे विद्यालय के द्वारा छात्रवृत्ति के लिए किसी भी तरह का आवेदन नहीं दिया गया है. ऐसे में कौन दोषी है और कौन निर्दोष, यह तो समय ही बताएगा.
HIGHLIGHTS
. अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला आया सामने
. फर्जी सूची बनाकर राशि का गमन
Source : News State Bihar Jharkhand