झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) के इस दावे के बावजूद कि राज्य से वामपंथी चरमपंथ का सफाया हो गया है, आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि कम से कम 193 कुख्यात नक्सली (Naxalite) विद्रोही क्षेत्र में अभी भी वांछित हैं और उनेक सिर पर 1 करोड़ रुपये तक का इनाम है. पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, पांच नक्सल विद्रोहियों के सिर पर 1 करोड़ रुपये का इनाम है, जबकि 62 नक्सली विद्रोहियों के सिर पर 1 लाख रुपये का इनाम है. 32 नक्सलियों के ऊपर 2-2 लाख रुपये, 38 नक्सलियों के ऊपर 5-5 लाख रुपये, 25 नक्सलियों के ऊपर 10-10 लाख रुपये, 19 के ऊपर 15-15 लाख रुपये और 15 नक्सलियों के सिर पर 25-25 लाख रुपये का इनाम है. ये राज्य में 193 वांछितों में से हैं.
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जिन नक्सली गुरिल्लाओं के सिर पर 1 करोड़ रुपये का इनाम हैं, उनमें प्रशांत बोस उर्फ किसंडा उर्फ मनीष उर्फ बुद्दा, मिसिर बेसरा उर्फ भास्कर उर्फ सागर, असीम मंडल उर्फ आकाश उर्फ तिमिर, अनल-दा उर्फ तूफान उर्फ पतिराम मांझी और प्रयाग मांझी उर्फ विवेक उर्फ फूचना हैं.
सूत्रों ने कहा कि जब झारखंड को बिहार से अलग किया गया था, तब दो नक्सली समूह मॉओइस्ट कोऑर्डिनेशन सेंटर और पीपुल्स वार ग्रुप थे. दोनों ने बाद में विलय कर सीपीआई-मॉओइस्ट का गठन किया. विलय के बाद कम से कम छह नक्सल संगठन उभरे. झारखंड में सक्रिय महत्वपूर्ण नकस्ली संगठनों में पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया, टीपीसी, जेजेएमपी, जेपीसी और अन्य उपसंगठन हैं.
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झारखंड के गठन के बाद, राज्य में 2,000 से अधिक कट्टर नक्सली गुरिल्ला सक्रिय थे. राज्य के निर्माण के बाद से 510 सुरक्षाकर्मी और 846 नक्सल विद्रोही मारे गए हैं, जबकि 500 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, राज्य में अभी भी कम से कम 400 नक्सली गुरिल्ला सक्रिय हैं. झारखंड के 24 में से 18 जिले नक्सल प्रभावित बताए जाते हैं.
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