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खत्म हुआ 8 साल का इंतजार, तारा शाहदेव को मिला न्याय, CBI कोर्ट ने किया सजा का ऐलान

राष्ट्रीय शूटर तारा शाहदेव के मामले में आखिर कार 14 साल बाद दोषियों को कोर्ट ने सजा सुना दी. लव जिहाद के इस चर्चित मामले में CBI कोर्ट ने धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना के आरोप में दोषी साबित हुए.

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Jatin Madan
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Tara Shahdeo Love Jihad Case

फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

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राष्ट्रीय शूटर तारा शाहदेव के मामले में आखिर कार 14 साल बाद दोषियों को कोर्ट ने सजा सुना दी. लव जिहाद के इस चर्चित मामले में CBI कोर्ट ने धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना के आरोप में दोषी साबित हुए. रकीबुल उर्फ रंजीत कोहली को उम्रकैद की सजा सुनाई. वहीं, रकीबुल की मां कौशल रानी को दस साल की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा साजिश रचने के आरोपी हाईकोर्ट के तत्कालीन रजिस्ट्रार मुस्ताक अहमद को भी 15 साल कैद की सजा सुनाई गई है.

तारा शाहदेव को मिला न्याय

लव जिहाद का ये मामला झारखंड में 2014 से सुर्खियों में बना हुआ था. राष्ट्रीय स्तर पर भी इस मामले ने खूब सुर्खियां बटोरी. पहले झारखंड पुलिस ने इस मामले में जांच की. बाद में हाई कोर्ट के आदेश के बाद इसे सीबीआई ने 2015 में टेक ओवर कर लिया और 2017 में तीनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाख़िल की गई थी. सीबीआई की विशेष अदालत में तारा शाहदेव के मामले में तीनों आरोपी को 30 सितंबर को दोषी करार दिया था. जिसके बाद 5 अक्टूबर को सजा का ऐलान किया. सजा के ऐलान के बाद तारा शाहदेव ने कोर्ट का धन्यवाद जताया.

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जानिए क्या है मामला? 

तारा शाहदेव का ये मामला 2014 का है. जब तारा शाहदेव राष्ट्रीय स्तर पर शूटिंग प्रतियोगिता में खूब नाम कमा रही थी. शूटिंग में बेहतर प्रदर्शन कर सके इसके लिए होटवार में स्तिथ प्रैक्टिस हॉल खूब मेहनत करती थी. इसी दौरान उनकी मुलाकात रंजीत कुमार उर्फ रकीबुल हसन से हुई. दोस्ती बढ़ी और बात रिश्ते तक पहुंच गई. इसके बाद रंजीत सिंह कोहली और तारा शाहदेव की शादी 7 जुलाई 2014 को हुई थी. आरोप है कि रंजीत सिंह कोहली ने नेशनल शूटर तारा शाहदेव से धोखे से शादी की. शादी के कुछ दिन बाद तारा को पता चला कि रंजीत ने पहले ही धर्म बदल लिया है. रंजीत ने धर्म बदलकर अपना नाम रकीबुल हसन कर लिया. इसके बाद रकिबुल तारा पर लगातार धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाने लगा. रकिबुल तारा के साथ मारपीट करता, उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करता. तारा शाहदेव के मुताबिक उसे कई बार पालतू कुत्ते से भी कटवाया गया था. मामला सामने आया और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी. झारखंड HC के आदेश पर 2015 में CBI ने मामले को टेकओवर किया. जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ साल 2018 में चार्जशीट दायर की गई थी. मामले में सीबीआई की ओर से कुल 26 गवाहों को पेश किया गया. इस मामले के एक गवाह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी रह चुके हैं. सालों की जांच के बाद CBI कोर्ट ने रंजीत कोहली ऊर्फ रकिबुल, उनकी मां कौशल रानी और हाई कोर्ट के बर्खास्त रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद को दोषी करार पाया और इस मामले में सजा का ऐलान होने के साथ ही तारा शाहदेव का 8 सालों का इंतजार खत्म हो गया है.

HIGHLIGHTS

  • खत्म हुआ 8 साल का इंतजार
  • तारा शाहदेव को मिला न्याय
  • CBI कोर्ट ने किया सजा का ऐलान

Source : News State Bihar Jharkhand

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