5 महिलाओं के समूह ने किया असंभव काम, बंजर जमीन पर उगाई सब्जियां

पथरीले और बंजर भूमि पर ये लहलहाते सब्जियों के पौधों को अपने पसीने से सींचकर महज चार माह में ही इसे उपजाऊ बनाने वाली कोई और नहीं बल्कि नूनबट्टा पंचायत की 5 महिलाएं हैं. ये महिलाएं इससे पहले घर की चारदीवारी के अंदर रसोई में उलझी रहती थी .

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Rashmi Rani
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बंजर जमीन पर उगाई सब्जियां ( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)

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कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता बस एक पत्थर तबियत से उछालने की जरुरत होती है. इस कहावत को गोड्डा की पांच महिलाओं ने सही कर दिखाया है. जिस बंजर जमीन पर घास तक नहीं उग सकती थी वहां आज हरे भरे खेत लहरा रहे हैं. आज यहां तरह तरह की सब्जियां उगाई जा रही हैं. पथरीले और बंजर भूमि पर ये लहलहाते सब्जियों के पौधों को अपने पसीने से सींचकर महज चार माह में ही इसे उपजाऊ बनाने वाली कोई और नहीं बल्कि नूनबट्टा पंचायत की 5 महिलाएं हैं. ये महिलाएं इससे पहले घर की चारदीवारी के अंदर रसोई घर से लेकर परिवार को संभालने में उलझी रहती थी .मगर कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा गांव में प्रशिक्षण दिए जाने के बाद उन्होंने इस बंजर जमीन पर ही फसल उपजाने की ठान ली और आज नतीजा सबके सामने हैं. 

5 महिलाओं के समूह ने बंजर जमीन पर उगाई सब्जियां 

5 महिलाओं में से एक महिला अनीता देवी ने बताया कि पहले हम लोगों ने प्रशिक्षण लेकर यहां सब्जियों की नर्सरी लगाई उसके बाद सब्जियों के पौधे इस बंजर जमीन पर लगा दिए और आज इन पौधों में सब्जियां आने लगी हैं. महिला ने बताया कि अभी बैगन ,टमाटर और हरी मिर्च तैयार है. इसके अलावा मटर और गोभी भी लगा दिए गए हैं जो कुछ दिनों में तैयार हो जायेगा और सबसे बड़ी बात यह कि ये जमीन इनकी खुद की नहीं है. जमीन मालिक द्वारा जमीन को बंजर देखते हुए इसे भाड़े पर दे दिया गया था. महिला ने बताया खुद से ही ऑटो करके मंडियों तक सब्जियों को लेकर जाती हैं .

कृषि पदाधिकारी ने दिया बेतुका जवाब 

वहीं, जब जिला कृषि पदाधिकारी से महिलाओं कि परेशानियों को लेकर सवाल किया गया कि क्या कोई संभव समाधान और इन्हें बाजार की मदद मिल सकती है तो उन्होंने कहा कि इसके लिए JSLPS कार्यरत है जो महिला समूहों के लिए बाजार उपलब्ध कराती है तो आप उन्हीं से सवाल करें.

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कृषि विभाग की खुली पोल 

इस मामले में जिस तरह का जवाब कृषि पदाधिकारी ने दिया है उससे तो यही साबित होता है कि सरकार द्वारा चलाये जा रहे ऐसे विभागों में किस तरह से कागजी काम ही सिर्फ होते होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है . जरुरत है ऐसी महिलाओं को कृषि विभाग जैसे संस्थानों को मदद करने की ताकि इन महिलाओं को प्रोत्साहन भी मिल सकें और अन्य महिलायें भी प्रेरित हो सकें.

रिपोर्ट - अजित कुमार सिंह

HIGHLIGHTS

  • महज 4 महीने में ही महिलाओं ने बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ
  • पथरीले और बंजर भूमि पर आज लहलहाते हैं सब्जियों के पौधों 
  • महिलाओं की परेशानी पर कृषि पदाधिकारी ने दिया बेतुका जवाब 

Source : News State Bihar Jharkhand

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