झारखंड में बदहाल और जर्जर स्कूलों की तस्वीर तो कई देखी होंगी, लेकिन सरायकेला के इस स्कूल की तस्वीर आपको दिखाते हैं. चमचमाता स्कूल भवन है, क्लास रूम है, बेंच-डेस्क है, हॉल है, कैंटीन है, लेकिन ये सब होने के बाद भी विभागीय अनदेखी के चलते ये स्कूल भवन भूत बंगले में तब्दील हो रहा है. तस्वीरें सरायकेला जिले में चांडिल क्षेत्र के झीमड़ी गांव में बने एकलव्य स्कूल की है. जहां करोड़ों रुपए की लागत से बना ये भवन रख-रखाव के अभाव में जर्जर होता जा रहा है. इस आवासीय विद्यालय का निर्माण करीब चार साल पहले ही पूरा हो गया था. स्कूल निर्माण के दौरान कहा गया था कि इस स्कूल में आदिवासी बच्चों को शिक्षा दी जाएगी. ताकि बेहतर शिक्षा पाकर वो अपना भविष्य उज्जवल कर सके, दावे हुए, स्कूल भी बना, लेकिन आज तक स्कूल में पढ़ाई शुरू ही नहीं हुई.
छात्रों की सुविधा के लिए सब कुछ मौजूद
इस स्कूल में छात्रों की सुविधा के लिए सब कुछ मौजूद है. छात्रावास में कक्षा छह से बारहवीं तक के 300 छात्र-छात्राओं के लिए सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई थी. इसके लिए लाखों की लागत से टेबल, बेंच, गद्दे, रजाई जैसे सभी सामानों की व्यवस्था की गई, लेकिन सरकार की अनदेखी ऐसी कि अब तक इस स्कूल में शिक्षक और कर्मचारियों की नियुक्ति ही नहीं हुई. लिहाजा पढ़ाई भी शुरू नहीं हुआ और अब करोड़ों की लागत में बना ये भवन धूल फांक रहा है.
अब तक नहीं हो पाई शिक्षक की नियुक्ति
स्कूल में पढ़ाई तो शुरू नहीं ही हुई, लेकिन स्कूल भवन का रखरखाव भी नहीं किया जा रहा है. सुरक्षा के लिए सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन की ओर से दो होमगार्ड की नियुक्ति जरूर की गई है, लेकिन लापरवाही के चलते स्कूल भवन जर्जर होता जा रहा है. आज शासन और प्रशासन की अनदेखी के चलते बना बनाया स्कूल बर्बाद हो रहा है. जितने उत्साह से स्कूल का निर्माण कराया गया. उतने ही उत्साह से अगर स्कूल शुरू करने की कवायद होती तो शायद यहां के आदिवासी बच्चों के भविष्य के लिए ये बेहतर होता.
HIGHLIGHTS
- सरायकेला का एक ऐसा स्कूल
- छात्रों की सुविधा के लिए सब कुछ मौजूद
- फिर भी नहीं हो रही पढ़ाई
Source : News State Bihar Jharkhand