हजारीबाग के बरकट्ठा में लोग उड़ती धूल से बेहद परेशान हैं. परेशानी कंस्ट्रक्शन कंपनी की मनमानी से हो रही है. लोग धूल से बीमार पड़ रहे हैं. बरकट्ठा का ये वो इलाका है, जहां का गर्म कुंड पूरे एशिया में प्रसिद्ध है, लेकिन सूरजकुंड का ये धाम अभी धुलकुंड में मानो तब्दील हो गया है. ये सब कंस्ट्रक्शन कंपनी की मनमानी से हो रहा है. बसंत के इस मौसम में हवा के साथ ये धूल आसपास के गांव तक पहुंच रही है. लोग बीमार पड़े रहे हैं. एनएच-2 पर धूल के बीच यातायात जिंदगी से दो चार हाथ करने जैसा है.
दरअसल बरकट्ठा में ट्रामा सेंटर का निर्माण हो रहा है. राज केसरी कंस्ट्रक्शन के पास इस निर्माण की जिम्मेदारी है. निर्माण के लिए सड़क पर ही डस्ट गिराई गई है. जो अब हवा के साथ गांव तक पहुंच रही है. धूल से गांव के लोग बीमार पड़ रहे हैं. डस्ट पर पानी का छिड़काव नहीं हो रहा है. कंपनी की मनमानी से ग्रामीण बीमार हो रहे हैं. ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ-साथ सड़क सुरक्षा नियमों से भी यहां खिलवाड़ हो रहा है.
कंपनी इस डस्ट पर पानी का छिड़काव कर नहीं रही है. धूल से लोगों का दम घूंट रहा है, लेकिन राज केसरी कंस्ट्रक्शन प्रबंधन को मानो इसकी कोई फिक्र नहीं है. बेपरवाह होकर कंपनी लोगों के जान के साथ खिलवाड़ कर रही है. ये हाल तब है जब NHAI के साथ निर्माण काम के लिए राज केसरी कंस्ट्रक्शन का करार है, लेकिन लोगों की जान के साथ खिलवाड़ तो हो ही रहा है. सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी भी हो रही है. जरूरत है कि कंपनी इस धूल के लिए कोई पहल करे ताकि बीमार होने से लोगों को बचाया जा सके.