झारखंड में सीएम हेमंत सोरेन की विधायकी पर खतरे के बीच अब उनके भाई बसंत सोरेन की कुर्सी पर भी लटवार लटकती हुई दिख रही है. हेमंत के बाद अब बसंत की विधायकी पर भी खतरा मंडरा रहा है. वहीं बसंत सोरेन पर EC ने राज्यपाल को राय भेजी है. बता दें कि हेमंत सोरेन के खनिज लीज मामले में चुनाव आयोग ने 22 अगस्त को फैसले को सुरक्षित रखा था. दरअसल, हेमंत के साथ ही बीजेपी नेताओं ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में बसंत सोरेन के खिलाफ भी शिकायत की. जिस मामले में भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने सुनवाई पूरी करने के बाद अपना मंतव्य राजभवन को सौंप दिया है. विशेष दूत के जरिए सीलबंद लिफाफे में आयोग का मंतव्य शुक्रवार शाम राजभवन पहुंचा.
हालांकि अभी तक राजभवन ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. आयोग के सूत्रों के मुताबिक बसंत सोरेन के खिलाफ आरोपों को लेकर मंतव्य भेजते हुए फैसला राज्यपाल पर छोड़ा गया है.
वहीं इस मामले की चुनाव आयोग में सुनवाई के दौरान दुमका विधायक बसंत सोरेन की तरफ से उनके अधिवक्ता ने कहा कि यह मामला राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र का नहीं है और इसको नजर अंदाज करते हुए राजभवन ने संविधान के अनुच्छेद 191 (1) के तहत चुनाव आयोग से मंतव्य मांगा.
बीजेपी का आरोप है कि बसंत सोरेन ने चुनाव आयोग से अपनी संपत्ति से जुड़ी सही जानकारी नहीं दी है और इस वजह से उनपर कंफ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट का मामला बनता है. ऐसे में उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द की जाए. जिसके बाद बसंत सोरेन को आयोग ने नोटिस जारी कर मामले की सुनवाई शुरू की.
Source : News Nation Bureau