Jharkhand Assembly Election 2024: महज तीन महीने में झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाला है. एनडीए और इंडिया एलायंस दोनों ही तैयारी में जुटे हुए हैं. लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदेश में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. खासकर आदिवासी बहुल क्षेत्र में बीजेपी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. आदिवासियों के लिए आरक्षित 5 सीटों में से बीजेपी लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई. वहीं, अब सवाल यह उठता है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी किस चेहरे पर भरोसा दिखाती है और उसे सीएम फेस बनाती है. पहले के मुकाबले अब पीएम मोदी का जादू भी कम होता नजर आ रहा है और इसी का परिणाम है कि कई राज्यों में बीजेपी का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं हो सका.
लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रदर्शन निराशाजनक
लोकसभा चुनाव में झारखंड के पांच आरक्षित आदिवासी सीट की बात करें तो विधानसभा में इसकी कुल संख्या 28 है. लोकसभा चुनाव में कई मशहूर चेहरे को भी हार का सामना करना पड़ा. इसमें सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा समेत गीता कोड़ा, सीता सोरेन, समीर उरांव और सुदर्शन भगत का नाम शामिल है. अब सवाल यह उठता है कि इस बार विधानसभा चुनाव में सीएम चेहरा कौन होगा?
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तीन पूर्व मुख्यमंत्री में से किसी एक को बनाया जा सकता है सीएम फेस!
इन नामों में प्रदेश के तीनों पूर्व मुख्यमंत्री के नामों पर चर्चा हो रही है. बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा और प्रदेश के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री रघुवर दास का नाम शामिल है. हालांकि 2019 में भाजपा की विधानसभा चुनाव में हार हुई और इसकी वजह रघुवर दास को माना गया. जिसके बाद से रघुवर दास को ओडिशा का राज्यपाल बना दिया गया और वह तब से झारखंड की राजनीति में सक्रिय नहीं हैं. हालांकि उनके करीबियों का मानना है कि विधानसभा चुनाव में वह झारखंड की राजनीति में सक्रिय हो सकते हैं. वहीं, अर्जुन मुंडा की बात करें तो लोकसभा चुनाव में उनकी शर्मनाक हार हुई थी, जिसके बाद से वह विधानसभा चुनाव के लिए सुरक्षित सीट तलाश रहे हैं. इन दोनों के अलावा बाबूलाल मरांडी की बात करें तो लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद पार्टी के कई नेता ने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे. अब देखना यह है कि इन तीनों में से किसी पर पार्टी भरोसा दिखाती है या फिर किसी नए चेहरे को मौका दिया जाता है?
किसी बड़े आदिवासी चेहरे पर बीजेपी लगाएगी दांव
आपको बता दें कि झारखंड में कुल 83 विधानसभा सीटें हैं. वहीं, विपक्ष की तरफ से हेमंत सोरेन ही सीएम फेस होंगे. 2019 में झामुमो के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनी थी, जो अब तक बनी हुई है. दूसरी तरफ बीजेपी अपने तमाम बड़े नेताओं और आदिवासी चेहरों को प्रदेश में चुनावी प्रचार के लिए उतार रहे हैं. भाजपा भी किसी बड़े आदिवासी चेहरे पर ही दांव लगा सकती है.