झारखंड मिशन 2024 के लिए तमाम सियासी दिग्गजों का गढ़ बन रहा है. कांग्रेस भी राज्य में पार्टी का जनाधार बढ़ाने की तैयारी कर रही है. इसी कड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 11 फरवरी को प्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं, लेकिन उनके दौरे से पहले ही एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस में कलह के संकेत देखने को मिल रहे हैं. चुनावी युद्ध से पहले कांग्रेस की आपसी लड़ाई ही खत्म होने के नाम नहीं ले रही है.
खड़गे का झारखंड दौरा
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे 11 फरवरी को झारखंड दौरे पर आ रहे हैं. दौरे की वजह है कांग्रेस की हाथ जोड़ों यात्रा का आगाज. जिसके जरिए पार्टी झारखंड में अपनी पैंठ मजबूत करेगी. एक तरफ प्रदेश आलाकमान पार्टी को मजबूत करने के लिए अभियान चलाने की तैयारी में है तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस में एक बार फिर कलह के स्वर उठने लगे हैं. आलाकमान के दौरे से पहले ही पार्टी में कलेश के संकेत मिलने लगे हैं.
कांग्रेस में विधायकों के खिलाफ साजिश
झारखंड कांग्रेस में एक विवाद शांत होता नहीं कि दूसरा मुंह बाए खड़ा हो जाता है. फिलहाल प्रदेश कांग्रेस के निलंबित तीन विधायक इस कलह की वजह बन रहे हैं. वहीं, तीन विधायक जो कैश कांड में आरोपी है. यानी राजेश कच्छप, नमन विक्सल और इरफान इंसारी. कैंश कांड के खुलासे के बाद कांग्रेस ने तीनों को पार्टी से निलंबित कर दिया था. इसके बाद से ही तीनों विधायक लगातार पार्टी के नेताओं पर आरोप लगा रहे हैं कि उनकी पार्टी में उनके खिलाफ साजिश चल रही है. इस बीच निलंबित विधायक राजेश कच्छप ने पार्टी नेताओं को नसीहत दी है. उनका कहना है कि कांग्रेस को एकजुट होने की जरूरत है, ना कि कार्यकर्ताओं को बांटने की. अब निलंबित विधायक का निशाना किस पर था ये कहना मुश्किल है, लेकिन उनकी नसीहत ने ये जरूर साफ कर दिया है कि कांग्रेस के अंदरखाने कुछ बड़ा हो रहा है.
एक और विधायक ने मिलाए सुर
कैंश कांड में निलंबित विधायक नमन विक्सल भी राजेश कच्छप से सुर में सुर मिलाते दिखे. जहां उन्होंने कहा कि अभी तक राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यक्रम को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है. मन विक्सल ने खुद को पार्टी का वफादार बताते हुए कहा कि जहां भी पार्टी विचारधारा के लिए जाना होगा, लड़ाई लड़नी होगी, लड़ेंगे. साथ ही निलंबित विधायक ने अपने पर लगे आरोपों को भी निराधार बताया.
निलंबित विधायकों के आरोप पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई और पार्टी को मजबूत बताते हुए उन्हें आत्म चिंतन करने की सलाह दे डाली.
पहले भी दिख चुकी है कलह
हालांकि कांग्रेस में कलह का ये पहला मौका नहीं है. इससे पहले भी जिलाअध्यक्षों की सूचि पर कांग्रेस में बवाल खड़ा हो गया था. तब तो बात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर तक आ गई थी. फिर पार्टी की ओर से 7 नेताओं को जारी नोटिस पर भी जमकर हंगामा हुआ. विवाद प्रदर्शन तक पहुंचा और अब निलंबित विधायकों का ये कहना कि पार्टी को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. एक तरफ कांग्रेस मिशन 2024 के लिए कमर कस रही है और दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस में आंतरिक कलह है जो खत्म होने का नाम नहीं ले रही. अगर यही सिलसिला रहा तो आने वाले चुनाव में कांग्रेस की मुसीबत बढ़ सकती है.
रिपोर्ट : कुमार चंदन
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HIGHLIGHTS
- प्रदेश कांग्रेस में 'ऑल इज़ नॉट वेल'
- कांग्रेस में फिर कलह के संकेत
- आलाकमान के दौरे से पहले क्लेश
- साजिश की आड़... पार्टी में आर-पार
Source : News State Bihar Jharkhand