1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति व OBC समेत दूसरे आरक्षण से जुड़ी बिल को केंद्र सरकार को भेजने को लेकर सीएम हेमंत सोरेन की अगुवाई में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की. इस प्रतिनिधिमंडल में हालांकि, बीजेपी नहीं शामिल हुई. राज्यपाल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि एक साजिश के तहत राज्य के मूलवासी, आदिवासी, अल्पसंख्यक व पिछड़ों के अधिकारों को छीना जा रहा है.
सीएम हेमंत सोरेन ने आगे कहा कि सरकार किसी भी कीमत पर विपक्षियों की साजिश को कामयाब नहीं होने देगी. जल्द ही सरकार राज्य में नियुक्तियों को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था करने जा रही है. सकारात्मक परिणाम जल्द ही सामने आएगा. इस मौके पर सीएम हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर करारा हमला बोला. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि बीजेपी को छोड़कर सभी राजनीतिक दल के शिष्टमंडल द्वारा राज्यपाल से मुलाकात की गई है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल से भेंट करने का कारण बीते दिनों के नियोजन नीति को रद्द करना है.
सीएम हेमंत सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात की तस्वीरों को अपने ट्विटर पर भी शेयर किया. उन्होंने लिखा, 'माननीय राज्यपाल श्री रमेश बैस जी से शिष्टमंडल के साथ भेंट कर 1932 खतियान तथा आरक्षण विधेयक शीघ्र अग्रतर कार्रवाई हेतु भारत सरकार को भेजने हेतु आग्रह किया. झारखण्ड हितैषी नीतियों पर हमेशा कुठाराघात हुआ है. इन विधेयकों को 9वीं अनुसूची में शामिल करने से इन्हें संवैधानिक कवच मिलेगा.'
सीएम हेमंत सोरेन ने आगे कहा कि नियोजन नीति पहली बार रद्द हुई है, ऐसी बात नहीं है. पहले भी कई बार नियोजन नीति को हाईकोर्ट द्वारा रद्द किया गया है. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये है कि यहां के नौजवानों जहां तृतीय और चतुर्थ श्रेणी वाले लोग रोजगार पाने में भी असफल हो रहे हैं और मूलवासी-आदिवासियों के हक में हमारी सरकार ने जो नियोजन नीति बनाई गई थी उसे रद्द किया गय़ा है.
राज्यपाल से मुलाकात करनेवाले शिष्टमंडल में जेएमएम, कांग्रेस, राजद, आरजेडी, सीपीएम, आजसू, वामदल समेत अन्य राजनीतिक दल शामिल थे.
HIGHLIGHTS
- शिष्टमंडल में जेएमएम, कांग्रेस, राजद थी शामिल
- बीजेपी ने शिष्टमंडल से बनाई दूरी
Source : Shailendra Kumar Shukla