गढ़वा के मेराल प्रखंड के यूरिया नदी पर बन रहे करोड़ों के पुल निर्माण में अनियमितता बरती जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ नदी के पत्थर और बालू का अवैध खनन कर सरकार को लाखों के राजस्व का नुकासन पहुंचाया जा रहा है. इस मामले में डीडीसी राजेश कुमार राय ने एसडीएम के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया है. जो जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई करेगी. आपको बता दें कि सरकार जब भी कोई योजना लाती है तो उसके लिए इंजिनियर से डीपीआर और एस्टीमेट बनवाती है ताकि संवेदक को किसी तरह का कोई नुकसान न हो, लेकिन संवेदक अपने लाभ के लिए सरकार के गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रहे हैं. जिसका जीता जागता उदाहरण यूरिया नदी पर बन रहा करोड़ों रुपये की लागत का पुल है.
यह पुल कारकोमा और हासनदाग के दर्जनों गावों को जिला मुख्यालय और एनएच से जोड़ता है. इस नदी में बने पुल का निर्माण इसी नदी के बालू और पत्थर से किया गया है जिसके चलते सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का भी नुकसान हुआ है. सवेदक खनन विभाग के मिली भगत से इस नदी के प्राकृतिक सुंदरता के साथ खिलवाड़ किया गया है.
जानकर बताते हैं कि एस्टीमेट से 50 लाख रुपये के अधिक पत्थर और बालू का अवैध खनन किया गया है. पुल में लगे कर्मचारी कहते हैं कि हम लोग संवेदक के कहने पर नदी से पत्थर तोड़ रहे हैं. जबकि मुखिया ने पुल में भारी अनियमितता का आरोप लगाया है.
वहीं, इस मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए जिले के डीडीसी ने राजेश कुमार राय ने एसडीएम के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन कर दिया है, जो जांच कर संबंधित लोगों पर कार्रवाई करेगी.
गढ़वा में पूल निर्माण में अनियमितता का आरोप यूरिया नदी में भी हो रहा अवैध खनन मामले की जांच के लिए टीम का गठन डीडीसी ने एसडीएम के नेतृत्व में किया टीम का गठन