Transgender Health Officer: अमीर महतो ने इतिहास रचते हुए झारखंड और बिहार के पहले ट्रांसजेंडर जिला स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) का पद प्राप्त किया है. 29 अगस्त को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वेस्ट सिंहोम जिले के अमीर महतो को उनके इस महत्वपूर्ण पद के लिए नियुक्ति पत्र सौंपा. अमीर महतो की यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्षों की जीत है, बल्कि यह समाज के उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो समाज के द्वारा हाशिए पर धकेले गए हैं.
संघर्षों से भरा सफर और मां का सपना
आपको बता दें कि अमीर महतो का सफर संघर्षों से भरा रहा है. उनकी मां नर्स बनना चाहती थीं, लेकिन पारिवारिक परिस्थितियों के कारण वह अपना सपना पूरा नहीं कर पाईं. अमीर महतो ने अपनी मां के सपनों को साकार करने के लिए अथक परिश्रम किया. उनका कहना है कि उनकी मां ने हमेशा उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया और उन्हें सफलता की राह पर चलने के लिए प्रोत्साहित किया.
आज स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत अनुबंध पर लगभग 365 कम्युनिटी हेल्थ आफिसर नियुक्त हुए। आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं और जोहार। हम लोगों ने पूर्व में पशु चिकित्सकों, चिकित्सा पदाधिकारियों, लैब असिस्टेंट, पहली बार फॉरेंसिक लैब साइंटिस्ट, आयुष चिकित्सकों, दंत चिकित्सकों, ए ग्रेड नर्स… pic.twitter.com/bvVySewQTd
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 29, 2024
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ट्रांसजेंडर होने पर गर्व और समाज के लिए संदेश
वहीं अमीर महतो ने अपने ट्रांसजेंडर होने पर गर्व जताते हुए कहा कि उन्हें इसके लिए किसी से कोई शिकायत नहीं है, ना ही भगवान से. उन्होंने अपने समुदाय के लोगों से अपील की कि वे शिक्षा के महत्व को समझें और समाज में अपनी जगह बनाने के लिए पढ़ाई करें. अमीर महतो का कहना है कि बचपन से ही उन्हें समाज में संघर्ष करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और आज वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं.
शिक्षा और समाज सेवा के प्रति समर्पण
साथ ही आपको बता दें कि ओडिशा के संबलपुर नर्सिंग कॉलेज से एमएएसी नर्सिंग करने के बाद अमीर महतो झारखंड में सीएचओ के पद पर नियुक्त हुए. उन्होंने अपने नर्सिंग कॉलेज के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि क्लास में लड़कियों की संख्या अधिक थी, लेकिन उन्हें सभी का सहयोग मिला. उन्होंने बताया कि उनके कॉलेज के प्रिंसिपल से लेकर उनके साथी सभी ने उन्हें पूरा समर्थन दिया.
इसके अलावा आपको बता दें कि अमीर महतो का कहना है कि वह आगे भी अपनी पढ़ाई जारी रखेंगे और सीएचओ के रूप में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. उनकी इस सफलता ने न केवल उनके परिवार को गर्व महसूस कराया है, बल्कि समाज के उन लोगों को भी प्रेरित किया है, जो अपनी पहचान और संघर्षों के बावजूद सफलता की राह पर बढ़ना चाहते हैं.
बहरहाल, अमीर महतो की कहानी हमें यह सिखाती है कि यदि इरादे मजबूत हों और मेहनत सच्ची हो, तो किसी भी चुनौती का सामना कर सफलता हासिल की जा सकती है. उनकी यह उपलब्धि ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है कि वे अपनी पहचान पर गर्व करें और अपने लक्ष्यों को पाने के लिए मेहनत करें.