प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर कमलेश यादव ने बुधवार को चतरा जिला पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया. उसके खिलाफ चतरा, पलामू और लातेहार जिले में एक दर्जन से भी ज्यादा नक्सली वारदात के मामले दर्ज हैं. लगभग एक माह पहले चतरा में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच एक मुठभेड़ हुई थी, जिसमें सीआरपीएफ के एक जवान की मौत हो गई थी. इस मुठभेड़ में माओवादियों के दस्ते में कमलेश यादव भी शामिल था. अब सरेंडर करने पर झारखंड सरकार की पॉलिसी के अनुसार उसे एक लाख रुपए को चेक दिया गया.
कमलेश ने चतरा जिला समाहरणालय स्थित कांफ्रेंस हाल में डीसी अबू इमरान, एसपी राकेश रंजन और सीआरपीएफ 190 बटालियन कमांडेंट मनोज कुमार के समक्ष सरेंडर किया. डीसी और एसपी ने इस मौके पर कहा कि नक्सलियों को मुख्य धारा में शामिल होने के लिए सरकार पर्याप्त मौका दे रही है. सरकार ने नई दिशा नामक आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति लागू कर रखी है.
कमलेश यादव पिछले आठ साल से नक्सली संगठन में सक्रिय था. उसने कहा कि उसे इस बात का एहसास है कि हिंसा और बंदूक से किसी समस्या का हल नहीं निकल सकता. वह खुद इस जिंदगी से त्रस्त आ चुका था.
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Source : IANS