साहिबगंज में भी लोगों का सड़क पर निकलना मुश्किल हो गया है. यहां तो आलम ये है कि दिन के उजाले में भी आसमान में अंधेरा छा जाता है. साहिबगंज की सड़क पर निकलने पर भी गंभीर बीमारी को दावत देने जैसा है. जिले में सड़क पर उड़ने वाली धूल लोगों के लिए जी का जंजाल बन गई है. साक्षरता मोड़ से लेकर राजमहल अनुमंडल मुख्यालय को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर धूल का गुबार रहता है. जिससे लोगों का चलना भी मुश्किल हो गया है.
4 साल से चल रहा है सीवरेज का काम
धूलकण की वजह से लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो पिछले चार सालों से राजमहल नगर पंचायत के कई क्षेत्रों में सीवरेज का काम किया जा रहा है और ये काम आज तक पूरा ही नहीं हो पाया है. सीवरेज के काम की वजह से जगह-जगह खुदाई कर दी गई है. जिससे गड्ढे तो हो ही गए हैं. धूल की समस्या भी लोगों का जीना मुहाल कर रही है.
प्रदूषण कम करने के लिए पानी के छिड़काव की नसीहत दी गई है, लेकिन इसमें भी अधिकारी लापरवाही बरतते हैं. एक तो सड़कों पर गड्ढे पहले ही आवाजाही को मुश्किल बना देते हैं. ऊपर से धूलों का गुबार लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गया है. स्थानीय लोगों की मानें तो 20 जून 2020 को ही सीवरेज का काम पूरा हो जाना था, लेकिन अभी तक ये काम पूरा नहीं हुआ है और इसका दंश आम जनता झेलने को मजबूर है. आलम ये है कि सालों से प्रदूषण के बीच रह रहे लोग अब सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं.
क्या है सिलिकोसिस बीमारी (Silicosis Disease)
- सिलिकोसिस बीमारी फेफड़े से जुड़ी बीमारी है.
- सांसों में सिलिका युक्त धूल जाने से बीमारी हो जाती है.
- बीमारी में मरीज के फेफड़े खराब हो जाते हैं.
- फेफड़ों के कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है.
- इलाज ना मिलने पर मरीज की मौत हो जाती है.
साहिबगंज की जनता के लिए प्रदूषण की ये समस्या बहुत पुरानी है. लोग बीमार हो रहे हैं. प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. सभी ने आम जनता को भगवान भरोसे थोड़ दिया है. अब देखना ये होगा कि खबर चलने के बाद भी शासन और प्रशासन अपनी कुंभकर्णी नींद से जागता है या नहीं.
रिपोर्ट : गोविन्द ठाकुर
HIGHLIGHTS
- धूल का गुबार... लोग बीमार
- 4 साल से चल रहा सीवरेज का काम
- गड्ढों से परेशान... धूल से आफत में जान
- लोगों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं
Source : News State Bihar Jharkhand