रामगढ़ और हजारीबाग को जोड़ने वाला दामोदर नदी पर बना पुल जर्जर हो चुका है. पुल की हालत ऐसी है कि यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. बावजूद क्या ऐसी वजह है कि हर दिन सैंकड़ों गाड़ियां इस मौत के पुल से गुजरती हैं. भुरकुंडा और गिद्दी की सीमा पर रामगढ़ और हजारीबाग जिले को जोड़ने वाला दामोदर नदी पर बने इस पुल को मौत का पुल कहना गलत नहीं होगा. क्योंकि इस जर्जर पुल पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. बावजूद हर दिन इस पुल से सैंकड़ों गाड़ियां और ट्रकों की आवाजाही होती है. क्योंकि एक जिले से दूसरे जिले तक जाने के लिए ये एक मात्र रास्ता है. बावजूद ना तो किसी जनप्रतिनिधि ने आजतक इस ठीक कराने की पहल की ना ही प्रशासनिक अधिकारी मरम्मत की जिम्मेदारी लेते हैं. ऐसे में परेशान ग्रामीणों ने पुल के पास सांकेतिक प्रदर्शन किया.
जर्जर पुल पर हो रही आवाजाही
ये पुल सालों पुराना है. 80 के दशक के करीब इसका निर्माण हुआ था, लेकिन तब से लेकर आज तक इसकी मरम्मत नहीं हुई. जिसके चलते पुल जर्जर हो गया. इस बीच सीसीएल की हैवी कोल ट्रांसपोर्टिंग पुल को और बदहाल कर रही है. क्योंकि पुल की क्षमता सिर्फ 30 टन है, जबकि इससे 50 से 60 टन कोयला परिवहन करने वाले ट्रक गुजरते हैं. इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि इस जर्जर पुल पर यूं ओवरडेड वाहनों की आवाजाही कितनी खतरनाक साबित हो सकती है.
ग्रामीणों को सता रहा हादसे का डर
ग्रामीण यहां सालों से नए पुल की मांग कर रहे हैं. इतना ही नहीं पुराने पुल की मरम्मत के लिए भी रामगढ़ जिला प्रशासन और सीसीएल प्रबंधन से उपाय करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक तो लोगों की मांग पर कोई सुनवाई नहीं हुई है. जिसका नतीजा है कि लोग अब सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. दो जिलों को आपस में जोड़ने वाले इस पुल को ठीक करने की जिम्मेदारी सभी की है. प्रशासन के साथ ही सीसीएल प्रबंधन भी इसको लेकर पहल करे. क्योंकि जल्द अगर पुल की मरम्मत नहीं हुई तो यहां कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
रिपोर्ट : अनुज कुमार
HIGHLIGHTS
- जर्जर पुल पर हो रही आवाजाही
- ग्रामीणों को सता रहा हादसे का डर
- पुल मरम्मत की हो रही मांग
- ओवरलोडेड गाड़ियां बनी जी का जंजाल
Source : News State Bihar Jharkhand