बिहार के कोडरमा जिले के सतगावां प्रखंड के बासोडीह में 2017 में बन कर तैयार हुई यह टंकी रोजाना लगभग 20,000 लोगों की प्यास बुझाती है. बासोडीह गांव व पड़ोस के 3 और पंचायत में जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई यह टंकी लोगों के लिए वरदान साबित होने लगी है. पहले जहां ग्रामीणों को तपती धूप में अपने गले की प्यास बुझाने के लिए कोसों दूर चलकर पानी लाना पड़ता था, वहीं आज 4 पंचायत (बासोडीह, सिपुर, सबलडीह और टेहरो) में लोगों की प्यास इस टंकी के माध्यम से बुझ रही है. इस टंकी में लगभग 10 लाख लीटर पानी हर रोज स्टोर किया जाता है. इस टंकी में सतगावां के सकरी नदी से पानी आता है. नदी में डीप बोरिंग की गई है जिससे लोगों को पानी मिल पाता है. जिला प्रसाशन द्वारा तैयार किये इस टंकी के कारण गांव के लोग काफी खुश हैं.
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गांव में रहने वाले उमेश यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि "पहले पानी की बहुत किल्लत हुआ करती थी. पानी जमा कर, किसी तरह अपनी प्यास बुझानी होती थी. अब इस टंकी के माध्यम से हमें बहुत आराम है." गांव के ही भागीरथ महतो ने बताया कि "मैंने कभी भी अपने घर में जलापूर्ति के साधन का उपयोग नहीं किया था. पिछले दो दशकों से मैंने अपने घर वालों को पानी के लिए बहुत दूर जाते देखा है. 2017 के बाद अब यह टंकी हमारे लिए जलदाता साबित हुई है."
महिलाओं को जीवन हुआ आसान
गांव की इंदू देवी ने बताया कि "हम महिलाएं दशकों से दूर के चापाकल (हाथ से चलने वाला नल) पर पानी के लिए आश्रित रहती आयी हैं. जब कभी वो चापाकल खराब हो जाए तो उससे भी दूर के कुएं पर जा कर पानी लाना पड़ता था. इस टंकी के बन जाने से अब हमारे घर में ही पानी आ रहा है."
Source : Arun Burnwal