झारखंड में सोमवार को फ्लोर टेस्ट के होने वाला है. इस बीच सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 47 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. पार्टी भाजपा द्वारा कथित खरीद-फरोख्त के प्रयासों के डर से अपने विधायकों को सुरक्षित रखने का प्रयास कर रही है. उसने लगभग सभी विधायकों को हैदराबाद भेज दिया है. इस बीच उसके एक विधायक लोबिन हेम्ब्रोम ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हेम्ब्रोम ने कहा कि सोरेन ने उनकी सलाह को नजरअंदाज कर दिया. इस वजह से उन्हें जेल जाना पड़ा. साहिबगंज जिले की बोरियों सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले हेम्ब्रोम ने कहा कि 2019 के राज्य चुनावों से पहले झामुमो के घोषणापत्र में छोटा नागपुर किरायेदारी अधिनियम और संथाल परगना किरायेदारी अधिनियम को लागू करने का वादा किया था.
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मगर पार्टी जब सत्ता में आई तो उसने अपने वादे को भुला दिया. इसे लागू नहीं किया गया. रिपोर्ट के अनुसार, झामुमो विधायक ने कहा कि केंद्रीय कानून, पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 को राज्य में लागू नहीं किया गया है.
आदिवासियों के भूमि अधिकारों की रक्षा करना है
इन दोनों कानूनों का उद्देश्य आदिवासियों के भूमि अधिकारों की रक्षा करना है. पैसा अधिनियम का उद्देश्य आदिवासियों को शोषण से बचाना है. इसके ग्राम सभा को सशक्त बनाना है. लोबिन हेम्ब्रोम ने कहा, "ग्राम सभा के पास अब कोई शक्ति नहीं है. अगर पेसा कानून लागू किया गया, तो यह और अधिक मजबूत होगा. अब इनमें से कोई भी लागू नहीं किया गया, तो हमें झारखंड बचाओ मोर्चा का गठन के लिए मजबूर होना पड़ा."
यहां पर बहुत सारी अनियमितताएं हुई हैं. इसमें आईएएस अधिकारी शामिल हैं. अब लोग जेल जा रहे हैं. आखिरकार, हमारे पूर्व मुख्यमंत्री को जेल जाना पड़ा." मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान स्थिति की वजह से हेम्ब्रोम के पार्टी छोड़ने की संभावना है. उन्होंने कहा, अब पार्टी से मोहभंग हो गया है. गुरुजी के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है और हमने आदिवासियों के अधिकारों के लिए लंबे वक्त तक साथ मिलकर काम किया. मगर आज बाहरी लोग पार्टी के अंदर फैसले ले रहे हैं. ऐसे में मैंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है.
अभी तक इस्तीफा नहीं दिया
हेम्ब्रोम को लेकर महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को कहा, "जिन लोगों ने समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया था, उन्होंने भी अपना रुख स्पष्ट किया. हमारी विधायक सीता सोरेन शपथ ग्रहण में शामिल हुईं, जबकि लोबिन हेम्ब्रोम ने आज अपने समर्थन का ऐलान किया है."
Source : News Nation Bureau