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कृषि विज्ञान केंद्र बना 'भूत बंगला'! लापरवाही का दंश झेल रहे किसान

हमारे देश की राजनीति में किसानों का मुद्दा हमेशा से सियासतदानों का पसंदीदा रहा है. अन्नदाता के नाम पर सियासी रोटियां सेंक नेता सत्ता का ताज भी पहन लेते हैं, लेकिन सियासी मुद्दों का केंद्र होने के बाद भी देश के अन्नदाता की दुर्गती किसी से छिपी नहीं है

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Jatin Madan
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बिल्डिंग का निर्माण अधर में ही छोड़ दिया. ( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

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हमारे देश की राजनीति में किसानों का मुद्दा हमेशा से सियासतदानों का पसंदीदा रहा है. अन्नदाता के नाम पर सियासी रोटियां सेंक नेता सत्ता का ताज भी पहन लेते हैं, लेकिन सियासी मुद्दों का केंद्र होने के बाद भी देश के अन्नदाता की दुर्गती किसी से छिपी नहीं है. सरायकेला जिले में किसानों के लिए बनाया गया कृषि विज्ञान केंद्र खंडहर में तब्दील हो गया है और शासन-प्रशासन की लापरवाही का दंश किसान झेलने को मजबूर हैं.

लापरवाही का दंश झेल रहे किसान

कृषि विज्ञान केंद्र की 2 मंजिला इमारत आज भूत बंगले में तब्दील हो गई है और इसका श्रेय विभागीय अधिकारियों को जाता है, उनकी उदासीनता के चलते ही किसानों को इस केंद्र का फायदा नहीं मिल पा रहा है. इसका निर्माण केंद्र सरकार के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से करवाया गया था. जिसे झारखंड के बिरसा एग्रीकल्चर के साथ मिलकर बनाया जाना था, लेकिन 2014 में ही बिल्डिंग का निर्माण कार्य बंद हो गया और कृषि विज्ञान केंद्र का उद्घाटन अधर में लटका है. दरअसल 2014 में काम करने वाले ठेकेदारों ने विभाग पर भुगतान ना करने का आरोप लगाकर बिल्डिंग का निर्माण अधर में ही छोड़ दिया. 

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किसानों की पुकार

कृषि विज्ञान केंद्र का निर्माण जिले के किसानों के लिए वरदान साबित होता. कृषि क्षेत्र के तकनीकी विकास के लिए ही केंद्र का निर्माण शुरू हुआ था, लेकिन निर्माण तो दूर अब ये आधी-अधूरी बिल्डिंग खंडहर में तब्दील हो गई है. जिले के ज्यादातर आदिवासी समुदाय आज भी खेती बाड़ी पर निर्भर है और बेहतर खेती के लिए वो प्रशिक्षण लेना चाहते हैं, लेकिन कृषि केंद्र ना होने के चलते उन्हें प्रशिक्षण नहीं मिल पाता. किसानों का कहना है कि अगर इस प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण पूरा हो जाए तो उन्हें ना सिर्फ प्रशिक्षण में मदद मिलेगी. बल्कि कृषि में तकनीकों के इस्तेमाल की भी जानकारी हासिल कर सकेंगे.

सिर्फ सरायकेला ही नहीं देश की भी 60 फीसदी आबादी खेती पर निर्भर है. ऐसे में कृषि क्षेत्र पर सरकार का ज्यादा फोकस होना चाहिए, लेकिन यहां तो उलटी गंगा बह रही है. एक तो कृषि क्षेत्र के  विकास के लिए कोई पहल नहीं होती और अगर होती है तो उसकी हालत भी सरायकेला के इस कृषि विज्ञान केंद्र की तरह हो जाती है.

रिपोर्ट : वीरेंद्र मंडल

HIGHLIGHTS

  • कृषि विज्ञान केंद्र बना 'भूत बंगला'
  • लापरवाही का दंश झेल रहे किसान
  • अधर में लटका केंद्र का निर्माण
  • किसानों की पुकार... सुनो सरकार

Source : News State Bihar Jharkhand

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