राज्य के खेतों में अब इंटरनेट के माध्यम से क्रांति लाने की कोशिश की जा रही है. रामगढ़ के रबोध पंचायत के कुसुमडीह गांव में मोबाइल ऐप के माध्यम से खेतों में सिंचाई की व्यवस्था की गई है. दांडी प्रखंड के कुसुमडीह गांव के किसान बिनोद कुमार खेती की नई परिभाषा गढ़ रहे हैं. मोबाइल एप के जरिए खेतों की सिंचाई कर रहे हैं. बैंक की नौकरी छोड़ बिनोद कुमार नई तकनीक से खेती कर किसानों के लिय प्रेरणास्रोत बन गए हैं. किसान बिनोद कुमार ने एमबीए तक की पढ़ाई की है. खतों में कितने पानी की जरूरत है वह उनके मोबाइल एप में पता चल जाता है फिर वह कहीं भी रहे मोबाइल एप के जरिये अपने खेतों को जरूरत के मुताबिक पानी से सिंचित करते हैं.
किसान बिनोद के इस कारनामे की चर्चा पूरे जिले भर में हो रही है. दूसरे किसान उनके इस हुनर को देखने के लिय पहुंच रहे हैं. नाबार्ड और इफको के संजुक्त प्रयास से बिनोद कुमार ने इस तकनीक को विकसित किया है. किसान बिनोद कुमार ने खेतो में चार सेंसर लगाए है जो बिजली और सूर्या ऊर्जा से संचालित है मोबाइल के एप चालू होते ही खेतो में लगे बोल्ब खुल जाते हैं और जितनी पानी की जरूरत है उतना ही पानी खेतो को दिया जाता है. इससे समय की बचत हो रही है. वहीं, इस काम में बिनोद के भाई भी हाथ बटा रहे हैं. छोटे भाई ने बताया कि पहले भी हम लोग खेती करते थे लेकिन पुराने तरीके से उतना समझ में नहीं आता था, इस तकनीकी से लिवर का खर्चा कम पड़ता है, खेती से अच्छी आमदनी हो रही है.
रिपोर्ट - अनुज कुमार
- मोबाइल एप के जरिए खेतों की कर रहे सिंचाई
- एप के जरिये जरूरत के मुताबिक खेतों को करते हैं सिंचित
- किसानों के लिय बन गए प्रेरणास्रोत
Source : News State Bihar Jharkhand