19 जनवरी 2020 को झारखंड (Jharkhand) के चाईबासा में 7 आदिवासी बंधुओं की हत्या को लेकर राज्य के बीजेपी सांसदों ने आज संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. बुधवार सुबह झारखंड के लगभग सभी सांसद राज्य सरकार के खिलाफ संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ और चाईबासा में हुई आदिवासियों की हत्या को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान सांसदों ने हेमंत सरकार और राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी की. सांसदों ने अपने हाथों में बैनर लेकर संसद (Parliament) के बाहर 'आदिवासियों की हत्या बंद करो' के नारे लगाए. धरने में शामिल बीजेपी सांसदों में रांची के सांसद संजय सेठ, चतरा के सांसद सुनील कुमार, हजारीबाग से जयंत सिन्हा, राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार और निशिकांत दुबे थे.
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सांसद जयंत सिन्हा ने ट्वीट कर राज्य की हेमंत सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'झारखंड से लोकसभा सांसदों ने संसद परिसर में पूज्य बापू की प्रतिमा के समक्ष, चाईबासा में हुई आदिवासियों की हत्या को लेकर प्रदर्शन किया. यह ठगबंधन सरकार स्वयं को आदिवासियों का हितैषी कहती है, परंतु अपराधियों को बढ़ावा देती है. झारखंड में गुंडाराज नहीं चलेगा, नहीं चलेगा.'
झारखंड से लोकसभा सांसदों ने संसद परिसर में पूज्य बापू की प्रतिमा के समक्ष, चाईबासा में हुई आदिवासियों की हत्या को लेकर प्रदर्शन किया।
यह ठगबंधन सरकार स्वयं को आदिवासियों का हितैषी कहती है, परंतु अपराधियों को बढ़ावा देती है।
झारखंड में गुंडाराज नहीं चलेगा, नहीं चलेगा pic.twitter.com/jtniDlrUzZ
— Jayant Sinha (@jayantsinha) February 5, 2020
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राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने अपने ट्वीट में लिखा, 'पत्थलगड़ी बेशक एक आदिवासी परम्परा है लेकिन इसकी आड़ में अलगाववादी ताकतें भोले भले आदिवासियों को देश के संविधान- क़ानून के खिलाफ खड़ा करने की साजिश कर रही हैं. इस साजिश का दायरा कई राज्यों में फैला हुआ है और हेमंत सोरेन सरकार इस साजिश को बढ़ावा दे रही है.' उन्होंने आगे लिखा, 'पत्थलगड़ी के नाम पर अलगाववादी गतिविधियां एक सुनियोजित साजिश है, इसका दायरा कई राज्यों में फैला हुआ है. राष्ट्रभक्त आदिवासियों को देश के संविधान के खिलाफ खड़ा करने की साजिश है. केंद्र सरकार अविलंब राज्य सरकारों को इस देशविरोधी साजिश को बढ़ावा देने से रोके.'
झारखंड के गुदड़ी नरसंहार के खिलाफ संसद भवन में @BJP4India सांसदों का प्रदर्शन।पत्थलगड़ी की आड़ में भोले भाले आदिवासियों को अलगाववादी गतिविधियों में शामिल करने की साजिश पर @dasraghubar सरकार ने अंकुश लगाया था। @HemantSorenJMM सरकार ने मुकदमे वापस लेकर अलगाववादियों का मनोबल बढ़ाया। pic.twitter.com/LNwc9KZLr2
— Mahesh Poddar (@maheshpoddarjhr) February 5, 2020
पत्थलगड़ी के नाम पर अलगाववादी गतिविधियां एक सुनियोजित साजिश है,इसका दायरा कई राज्यों में फैला हुआ है। राष्ट्रभक्त आदिवासियों को देश के संविधान के खिलाफ खड़ा करने की साजिश है। केंद्र सरकार अविलंब राज्य सरकारों को इस देशविरोधी साजिश को बढ़ावा देने से रोके। @AmitShah @BJP4Jharkhand pic.twitter.com/98yN7Pq8UO
— Mahesh Poddar (@maheshpoddarjhr) February 5, 2020
राजधानी रांची से बीजेपी सांसद संजय सेठी ने ट्वीट कर कहा, '19 जनवरी को चाईबासा में 7 आदिवासी बंधुओं की हत्या हुई थी. इसके विरोध में अभी संसद भवन परिसर में गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष झारखंड के सांसद साथियों के साथ धरना दिया. 7 बेगुनाह आदिवासियों की हत्या की दोषी हेमन्त सरकार है. इस मुद्दे पर राज्य सरकार की मंशा सही नहीं है.'
19 जनवरी को चाईबासा में 7 आदिवासी बंधुओं की हत्या हुई थी। इसके विरोध में अभी संसद भवन परिसर में गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष झारखंड के सांसद साथियों के साथ धरना दिया। 7 बेगुनाह आदिवासियों की हत्या की दोषी हेमन्त सरकार है। इस मुद्दे पर राज्य सरकार की मंशा सही नहीं है। pic.twitter.com/A23TMlIrv8
— Sanjay Seth (@sanjaysethBJP) February 5, 2020
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बता दें कि चाईबासा में पत्थलगड़ी आंदोलन का कथित तौर पर विरोध करने वाले सात आदिवासियों की हत्या कर दी गई थी. सभी के क्षत विक्षत शव अगले दिन गांव से चार किलोमीटर दूर जंगल में मिले थे.
Source : dalchand