झारखंड की सियासत इन दिनों तीन मुद्दों के इर्द-गिर्द घूम रही है. वो है ED, एक्शन और पिटिशन. जमीन घोटाला मामले में सीएम हेमंत सोरेन को एक के बाद एक ED ने 4 बार समन भेजा है. हालांकि सीएम एक बार भी ED के सामने पेश नहीं हुए, लेकिन उन्होंने ED की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी. सुप्रीम कोर्ट से भी सीएम को राहत नहीं मिली और अब सीएम ने हाईकोर्ट का रुख किया है, लेकिन इस बीच बीजेपी ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है कि सीएम की याचिका में 5 डिफेट्क हैं और सीएम ने जानबूझकर डिफेट्क के साथ याचिका दायर की है ताकि इस मामले को लटकाया जा सके. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि वो ED को पीड़क कार्रवाई ना करने का आदेश दें.
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याचिका में डिफेक्ट का सियासी 'इफेक्ट'!
सीएम की याचिका में था कि ईडी को पूछताछ के दौरान ही गिरफ्तार करने का अधिकार है. इससे बयान दर्ज कराने वाले पर गिरफ्तारी का डर बना रहता है. ईडी की गतिविधियां राज्य की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने वाली कार्रवाई की तरह है. याचिकाकर्चा को बताया जाए कि उससे किस कथित अपराध के सिलसिले में साक्ष्य देने की जरूरत है. याचिकाकर्चा को झूठे मामले में हिरासत में लेने की धमकी देकर, सत्ताधारी दल से हाथ मिलाने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
ED की कार्रवाई के खिलाफ सीएम की याचिका
वहीं, अब बीजेपी आरोप लगा रही है कि मुख्यमंत्री ने जानबूझकर पिटीशन में डिफेक्ट छोड़ दिया है. यह मामले को लटकाने की साजिश है. अब बीजेपी के आरोप पर JMM का पलटवार सामने आया है. जहां JMM का कहना है कि बीजेपी को हेमंत फोबिया हो गया है और बीजेपी नेताओं में जानकारी का अभाव है. JMM ने साथ ही दावा किया कि बीजेपी के लोग एक लोकप्रिय मुख्यमंत्री की लोकप्रियता से घबरा कर अनर्गल बयानबाजी करते हैं.
झारखंड की सियासी फिजा से ED का रिश्ता नया नहीं है. कभी अवैध खनन, कभी सेना जमीन घोटाला तो कभी जमीन की अवैध खरीद फरोख्त का मामला. ED की कार्रवाई पर प्रदेश का सियासी पारा हमेशा हाई रहता है, लेकिन सवाल उठता है कि आखिर जमीन घोटाला मामले में सीएम तक जांच की आंच पहुंची कैसे.
बीजेपी को हेमंत फोबिया हो गया- JMM
दरअसल, ED ने जमीन घोटाला मामले में 13 और 26 अप्रैल को छापेमारी की थी. 13 अप्रैल को छापामारी के दौरान राजस्व कर्मचारी भानुप्रताप के घर से बक्सा मिला. इसके अलावा रांची और जमशेदपुर में 5 ठिकानों पर ED ने छापा मारा था. इस दौरान बड़ी संख्या में जमीन की खरीद-बिक्री से संबंधित दस्तावेज बरामद हुए थे. मामले में अब तक कई आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा चुका है. प्रेम प्रकाश और रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन से भी पूछताछ हुई. प्रेम प्रकाश से पूछताछ के बाद सीएम हेमंत सोरेन को भी समन भेजा गया. अब ED प्रदेश के मुखिया हेमंत सोरेन से पूछताछ करना चाहती है, तो सियासत तो होगी ही. देखना ये होगा कि सीएम को हाईकोर्ट से मामले पर कोई राहत मिलती है या नहीं.
HIGHLIGHTS
- बीजेपी को हेमंत फोबिया हो गया- JMM
- ED की कार्रवाई के खिलाफ सीएम की याचिका
- क्या HC से मिलेगी सीएम को राहत?
Source : News State Bihar Jharkhand