झारखंड के बोकारो जिले से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने प्रशासन पर सवाल खड़ा कर दिया है. बोकारो का यह स्कूल तालाब में तब्दील हो चुका है. लगातार कई वर्षों से बारिश के दौरान यह समस्या स्कूल में देखी जा रही है, लेकिन विभाग और जिले के अधिकारियों को इससे कोई मतलब नहीं है. इस स्कूल में हरिजन बच्चे पढ़ते हैं. राज्य सरकार शिक्षा के विकास को लेकर लाख दावा करें, लेकिन इसकी हकीकत कुछ अलग ही नजर आती है. चास नगर निगम क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बाउरी टोला का हाल देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि जिले के अधिकारी समस्याओं को लेकर कितने गंभीर हैं. ऐसा नहीं है कि विद्यालय की स्थिति अभी ऐसी हुई है.
स्कूल तालाब में हुआ तब्दील
स्कूल में कई वर्षों से यह समस्या देखी जा रही है, लेकिन इसको देखने वाला कोई नहीं है. विद्यालय की स्थापना 1987 में हुई और स्कूल के बगल में ही एक तालाब हुआ करती थी, लेकिन अतिक्रमण हो जाने की वजह से पूरा पानी स्कूल के सभी कमरों में भर जाता है. भारी बारिश के कारण विद्यालय में रखे अनाज से लेकर सभी कागजात भींग जाते हैं. बच्चे मानों स्कूल नहीं बल्कि तालाब में घूम रहे हो. वहां पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि हम पढ़ना चाहते हैं. सरकार इस पर ध्यान दें, क्योंकि पढ़ाई में हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
प्रशासन की लापरवाही का दंश झेल रहे छात्र
बारिश के दिनों में समस्या और विकराल हो जाती है. स्थानीय लोग भी स्कूल की बदहाली को लेकर नाराज हैं. उनका कहना है कि कई बार लिखित आवेदन देने के बाद भी जिले के अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया. जिला शिक्षा अधीक्षक नूर आलम खां ने इस मामले पर कहा कि विद्यालय की स्थिति काफी खराब है. हम लोगों ने भी निरीक्षण किया है. स्कूल की समस्या को लेकर विभाग को प्राक्कलन बनाकर भेजा गया है. जिले के डीसी ने भी स्कूल की स्थिति की जानकारी ली है. डीएमएफटी फंड से निर्माण कार्य करने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक इस पर कुछ नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि इस विद्यालय की समस्या काफी गंभीर है और छात्रों के पढ़ाई में इसका असर पड़ रहा है.
HIGHLIGHTS
- स्कूल तालाब में हुआ तब्दील
- लापरवाही का दंश झेल रहे छात्र
- कब खुलेगी प्रशासन की नींद?
Source : News State Bihar Jharkhand