वृद्धावस्था में हाथ-पैर कांपना बुजुर्गों में आमतौर पर एक बड़ी समस्या है. न्यूरोलॉजिकल स्थितियों के कारण होने वाले इस कंपनी को पार्किंसन रोग के नाम से जाना जाता है. इसके कारण बुजुर्गों को खाने-पीने में भी काफी परेशानी झेलनी पड़ती है, लेकिन विज्ञान और तकनीक की मदद से हाथ कांपने के कारण खाना खाने में बुजुर्गों को होने वाली परेशानी दूर की जा सकती है. इसके लिए एक खास और नए उपकरण एंटी शेकिंग स्पून का इजाद किया है, डीपीएस बोकारो के होनहार छात्र अभिनीत शरण ने. इस चम्मच की मदद से खाना खाते समय बुजुर्गों के हाथ कांपने की समस्या रोकी जा सकती है और भोजन का निवाला सीधे उनके मुंह तक पहुंच सकता है. चम्मच, मोटर, सेंसर, माइक्रो कंट्रोलर, बॉल बियरिंग आदि पुर्जों की मदद से अभिनीत ने यह नई मशीन खुद बनाई है.
इस नवोन्मेषता के लिए इंस्पायर अवार्ड- मानक के लिए भी उसका चयन हो चुका है. सरकार की ओर से उसे इसके लिए बकायदा मॉडल तैयार करने को लेकर 10 हजार रुपए की सहायता-राशि भी प्रदान की जा चुकी है. डीपीएस बोकारो में 10वीं कक्षा के छात्र अभिनीत द्वारा तैयार किया गया एंटी शेकिंग स्पून हाथ के कंपन और उस कंपन की विपरीत दिशा में कंपन उत्पन्न करने की यांत्रिकी पर काम करता है. इस प्रक्रिया की शुरुआत इसमें लगे दो सेंसर से होती है.
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एक सेंसर हाथ कांपने और दूसरा हाथ कांपने की दिशा का पता लगाकर माइक्रो कंट्रोलर को सूचित करता है. उसके बाद मोटर अपना काम शुरू करता है और कंपन व हाथ घूमने की विपरीत दिशा में बल उत्पन्न होता है. गिंबल सिस्टम के तहत लगे बॉल बियरिंग की मदद से विपरीत दिशा में कंपन व घूर्णन उत्पन्न होता है. इसके परिणामस्वरूप चम्मच का हिलना-डुलना बंद हो जाता है, जिससे बुजुर्गों को खाने में दिक्कत नहीं होती.
फिलहाल अभिनीत ने अभी अपने उपकरण का प्रोटोटाइप मॉडल तैयार किया है. इसके लिए कुछ पुर्जे उसे रोबोटिक्स के काम से मिले, तो कुछ ऑनलाइन खरीदकर मंगवाए. आनेवाले दिनों में इसका अपग्रेडेड वर्जन वह इंस्पायर मानक के अगले चरण में प्रस्तुत करेगा. उसने बताया कि एंटी शेकिंग स्पून बनाने की प्रणाली की प्रेरणा उसे हेडफोन की एंटी फ्रीक्वेंसी तकनीक से मिली. जिस प्रकार बाहर की आवाज उतनी ही फ्रीक्वेंसी में कान में लगे हेडफोन से निकलनेवाली ध्वनि के कारण नहीं सुनाई देती, उसी प्रकार हाथ कांपने के समान विपरीत बल लगने से एंटी शेकिंग स्पून हाथ नहीं हिलने देता.
बीएसएलकर्मी नवनीत कुमार के पुत्र अभिनीत के मन में एंटी शेकिंग स्पून बनाने का विचार अपने घर से ही आया. उसके दादा अखिलेश शरण (78) और दादी बच्ची श्रीवास्तव (75) भी हाथ कांपने की समस्या से परेशान हैं. खास तौर से उन्हें खाना खाते समय होनेवाली दिक्कत को देख ही अभिनीत ने ऐसा विशेष चम्मच बनाने का फैसला लिया. बचपन से ही रोबोटिक्स में रुचि रखनेवाला अभिनीत आगे चलकर एक सफल इंजीनियर बनना चाहता है, उसने अपने इस नए आविष्कार के पीछे डीपीएस बोकारो के प्राचार्य एएस गंगवार व अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन के सहयोग को महत्वपूर्ण बताया.
HIGHLIGHTS
. बुजुर्गों को अब खाने में नहीं होगी परेशानी
. बोकारो के छात्र ने किया कमाल
Source : News State Bihar Jharkhand