हीरापुर में फुटपाथ दुकान पर नगर निगम और जिला प्रशासन ने संयुक्त करवाई करते हुए बुलडोजर चलवाया, दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों को हटाने में जुटे हुए हैं. बताया जा रहा है कि पूर्व में नगर निगम की ओर से सभी फुटपाथ दुकानदारों को अपनी दुकान हटाने को लेकर चेतावनी दी थी और कहा था कि सभी दुकानदार स्वेच्छापूर्ण दुकानें हटा ले, नहीं हटाने पर नगर निगम की बुलडोजर द्वारा दुकानों को ध्वस्त कर दिया जाएगा. इसके बावजूद कुछ दुकानदारों ने दुकानें नहीं हटाई और बुधवार को नगर नियम ने कार्रवाई करते हुए दुकानों पर बुलडोजर चलवा दिया. मौके पर सीओ प्रशांत लायक नगर निगम के अधिकारी मो अनीश, अनिल कुमार सदर थाना क्षेत्र की पुलिस भी अतिक्रमण हटाओ अभियान में नगर निगम की संयुक्त कार्रवाई में जुट गए हैं. जब की ये करवाई हीरापुर से माड़ा क्लब तक सभी फूटपाथ दुकान को हटाया जा रहा है.
जिला प्रशासन के अधिकारी सीओ प्रशांत लायक ने बताया कि वरीय अधिकारी के निर्देश पर पूजा को लेकर अतिव्यस्त इलाका होने के वजह से जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इसी वजह से फूटपाथ पर अवैध कब्जा को हटाया जा रहा है, जहां-जहां अतिव्यस्त क्षेत्र है, वहां अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है. नगर निगम के अधिकारी मो अनीश ने मीडिया को बताया कि दुर्गा पूजा को ध्यान में रखते हुए सुचारू रूप से आमजन के लिए आवागमन बाधित ना हो, इसको लेकर नगर निगम व जिला प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई से रोड किनारे अवैध तरीके से कब्जा कर रखे फुटपाथ दुकानदारों को हटाया जा रहा है. ताकि पूजा को लेकर जाम की समस्या उत्पन्न ना हो.
जबकि स्थानीय दुकानदार धीरज कुमार ने मीडिया को बताया कि जब भी कोई त्यौहार या पर्व आता है तो नगर निगम अचानक से हम सभी फुटपाथ दुकानदारों को ऊपर बेरहम तरीका से कार्रवाई करने लगती है, जो बिल्कुल सरासर गलत है. इस तरह की कार्रवाई से कई परिवारों को समस्या उत्पन्न खड़ी हो गई है क्योंकि पिछले 2 साल से कोरोना के काल में हम सभी फूटपाथ दुकानदार बहुत ही बुरे समय से गुजरे हैं, लेकिन इस बार पूजा और त्योहार में कमाने का मौका मिला है तो नगर निगम व झारखंड सरकार बर्बरतापूर्वक हम सभी फुटपाथ दुकानदारों पर करवाई कर रही है. आखिरकार हम सभी फुटपाथ दुकानदार जाए तो जाए कहां. इस तरह की अतिक्रमण हटाओ अभियान से कितने दुकानदारों की रोजी-रोटी पर आफत आ चुकी है, जबकि महाजन से कर्ज लेकर पूजा पर्व में पूंजी लगाया है. इस तरह से एकाएक दुकान हटाया जा रहा है, जिससे हमसब हतप्रभ हैं. ऐसे में नगर निगम व झारखंड सरकार को कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए. इसके साथ ही दुकानदार ने बताया कि नगर निगम हर एक दुकान से 400 रुपये फी भी वसूलते हैं, उसके बावजूद कार्रवाई करना कहां तक उचित है.
रिपोर्टर- नीरज कुमार
Source : News Nation Bureau